क्या ऑनलाइन गेमिंग बिल अधिकारियों को तलाशी और गिरफ्तारी का अधिकार देता है?

सारांश
Key Takeaways
- ऑनलाइन गेमिंग बिल का उद्देश्य वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
- बिना वारंट के तलाशी और गिरफ्तारी का अधिकार अधिकारियों को दिया गया है।
- बिल में ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेमिंग को बढ़ावा देने का प्रावधान है।
- बिल के तहत 28% जीएसटी को बढ़ाकर 40%% करने का प्रस्ताव है।
- बिल में उल्लंघन करने वालों के लिए जुर्माना और कैद की सजा का प्रावधान है।
मुंबई, 20 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार ने बुधवार को लोकसभा में एक ड्राफ्ट बिल पेश किया है, जो ऑनलाइन रियल-मनी गेमिंग (आरएमजी) प्लेटफार्मों पर प्रतिबंध लगाने की दिशा में है। यह बिल अधिकारियों को किसी भी परिसर की तलाशी लेने और उल्लंघन के संदेह में बिना वारंट के किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार करने का अधिकार देता है।
इस बिल का शीर्षक है 'द प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025' और इसका मुख्य लक्ष्य ऑनलाइन मनी गेम्स पर नियंत्रण करना है, जहाँ खिलाड़ी वित्तीय लाभ की आशा में पैसा दांव पर लगाते हैं।
इसका उद्देश्य ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेमिंग को बढ़ावा देना है, जो अधिक कौशल-आधारित माने जाते हैं।
ड्राफ्ट बिल ऑनलाइन मनी गेमिंग सेवाओं और उनके विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाता है, साथ ही बैंकों और वित्तीय संस्थानों को इन प्लेटफार्मों के साथ लेनदेन करने से भी रोकता है।
यह बिल केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किसी भी अधिकारी को किसी भी स्थान में प्रवेश करने और बिना वारंट के तलाशी या गिरफ्तारी करने की अनुमति देता है, यदि उसे इस अधिनियम के अंतर्गत अपराध करने का उचित संदेह होता है।
बिल में 'किसी भी स्थान' को परिसर, भवन, वाहन, कंप्यूटर संसाधन, वर्चुअल डिजिटल स्पेस, इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड या इलेक्ट्रॉनिक स्टोरेज डिवाइस के रूप में परिभाषित किया गया है।
बिल में उल्लेख है, "यदि कोई एक्सेस कंट्रोल या सुरक्षा कोड उपलब्ध नहीं है, तो अधिकारी उसे ओवरराइड करके कंप्यूटर संसाधनों, वर्चुअल डिजिटल स्पेस, इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड या स्टोरेज डिवाइस तक पहुंच सकते हैं।"
आरएमजी प्लेटफॉर्म पर पहले से जमा राशि पर 28 प्रतिशत जीएसटी (2023 में लागू) लागू था, जिसे बढ़ाकर 40 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है, जिससे इस बिल के प्रतिबंध से कर राजस्व में 20,000 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हो सकता है।
हालांकि, सरकार ऑनलाइन मनी गेमिंग के बढ़ते चलन को रोकने के लिए दृढ़ संकल्पित प्रतीत होती है, जो लत, वित्तीय नुकसान और अपराधों में वृद्धि का कारण बन रहा है।
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री, अश्विनी वैष्णव ने बिल के एक परिशिष्ट में कहा, "ये प्लेटफॉर्म अक्सर बाध्यकारी और व्यसनकारी व्यवहार को बढ़ावा देते हैं, जिसके परिणामस्वरूप वित्तीय बर्बादी, मानसिक स्वास्थ्य विकार और धोखाधड़ी की घटनाओं में वृद्धि होती है।"
बिल में आरएमजी की पेशकश, सहायता, प्रोत्साहन, उकसावे या संलिप्तता में पाए जाने वालों के लिए तीन साल की कैद और एक करोड़ रुपए के जुर्माने का प्रस्ताव है।
साथ ही, ऐसे खेलों की एडवरटाइजिंग, प्रमोटिंग या स्पॉन्सरिंग करने वालों के लिए दो साल की जेल या 50 लाख रुपए के जुर्माने का प्रस्ताव है।