क्या ऑपरेशन फायर ट्रेल के तहत पटाखों की तस्करी पर सख्ती हुई?

सारांश
Key Takeaways
- ऑपरेशन फायर ट्रेल के तहत चीनी पटाखों की तस्करी पर सख्त कार्रवाई की गई।
- 4.82 करोड़ रुपए मूल्य के पटाखे जब्त किए गए।
- गुजरात के वेरावल से एक तस्कर की गिरफ्तारी हुई।
- पटाखों का आयात कानूनी अपराध है।
- इस अभियान के तहत अब तक 100 मीट्रिक टन पटाखे जब्त किए जा चुके हैं।
मुंबई, 20 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। दीपावली के निकटतम अवसर पर, राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने 'ऑपरेशन फायर ट्रेल' के अंतर्गत चीनी पटाखों की अवैध तस्करी पर एक सख्त कार्रवाई की है। न्हावा शेवा बंदरगाह (जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह) पर चीन से आए एक कंटेनर से 4.82 करोड़ रुपए मूल्य के पटाखे जब्त किए गए हैं, और गुजरात के वेरावल से एक प्रमुख तस्कर को गिरफ्तार किया गया है।
डीआरआई के अधिकारियों ने खुफिया जानकारी के आधार पर न्हावा शेवा बंदरगाह पर एक 40 फुट के कंटेनर को रोका, जो आईसीडी अंकलेश्वर (गुजरात) की ओर जा रहा था। कंटेनर के मेनिफेस्ट में 'लेगिंग्स' (महिलाओं के कपड़े) का उल्लेख था, लेकिन गहन जांच में पता चला कि कपड़ों की पतली परत के पीछे 46,640 पटाखे और आतिशबाजी छिपाई गई थी।
कुल मिलाकर, यह खेप लगभग 20 मीट्रिक टन वजनी थी, जिसमें प्रतिबंधित रसायनों जैसे रेड लेड, कॉपर ऑक्साइड और लिथियम जैसे खतरनाक तत्व शामिल थे। डीआरआई ने पूरी खेप को सीमा शुल्क अधिनियम के तहत जब्त कर लिया। इसके अलावा, तलाशी में तस्करी नेटवर्क से जुड़े आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद हुए हैं, जो गिरोह की कार्यप्रणाली को उजागर करते हैं।
विदेश व्यापार नीति के अनुसार, पटाखों का आयात आईटीसी (एचएस) वर्गीकरण के तहत 'प्रतिबंधित' श्रेणी में आता है। इसके लिए विस्फोटक नियम, 2008 के तहत विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) और पेट्रोलियम एवं विस्फोटक सुरक्षा संगठन (पीईएसओ) से विशेष लाइसेंस आवश्यक होता है। बिना लाइसेंस के आयात न केवल कानूनी अपराध है, बल्कि यह बंदरगाहों की महत्वपूर्ण अवसंरचना, शिपिंग और लॉजिस्टिक्स चेन के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न करता है।
यह कार्रवाई 'ऑपरेशन फायर ट्रेल' का हिस्सा है, जो जुलाई 2025 से चल रहा है। इस अभियान के तहत अब तक सात कंटेनरों से लगभग 100 मीट्रिक टन चीनी पटाखे जब्त किए गए हैं, जिनकी कीमत लगभग 35 करोड़ रुपए बताई जा रही है। ये कंटेनर न्हावा शेवा, मुंद्रा बंदरगाह और कांडला एसईजेड से पकड़े गए थे, जहां माल को 'सजावटी पौधे', 'कृत्रिम फूल' और 'प्लास्टिक मैट्स' के नाम पर छिपाया गया था।