क्या 'ऑपरेशन महादेव' ने पहलगाम के पीड़ितों को न्याय दिलाया?

सारांश
Key Takeaways
- ऑपरेशन महादेव ने आतंकवादियों का सफाया किया।
- पीड़ित परिवारों को न्याय की उम्मीद जगी है।
- भारतीय सेना की बहादुरी की प्रशंसा हुई।
- सुरक्षा बलों की कार्रवाई से आतंकवाद पर अंकुश लगा है।
- समाज में आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता का संदेश।
नई दिल्ली, 28 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की मौत हो गई थी। 'ऑपरेशन महादेव' के तहत भारतीय सुरक्षा बलों ने सोमवार को श्रीनगर में तीन आतंकियों को मार गिराया। इस कार्रवाई पर पहलगाम में मारे गए लोगों के परिजनों ने केंद्र सरकार और भारतीय सेना की प्रशंसा की।
पहलगाम आतंकी हमले में हर्षल लेले के पिता संजय लेले और मामा अतुल मोने ने अपनी जान गंवाई थी। मृतक संजय लेले के बेटे हर्षल लेले ने मुंबई के कल्याण में सोमवार को मीडिया से बात करते हुए कहा, “मैं भारत सरकार और हमारी सेना का दिल से धन्यवाद करता हूं। उन्होंने जो मिशन शुरू किया था, उसे पूरी निष्ठा और साहस के साथ अंजाम तक पहुंचाया। आज इन आतंकवादियों का खात्मा हुआ तो ऐसा लगता है कि मेरे पिता और मामा को न्याय मिला है।”
उन्होंने कहा, “हमारे परिवार के लिए यह एक बहुत बड़ी भावनात्मक राहत है। उनकी शहादत ने हमारे जीवन की दिशा बदल दी थी। अब जब हम सुनते हैं कि वही आतंकी मारे गए हैं, तो दिल को थोड़ी ठंडक मिलती है। एक इच्छा है कि जब तक अंतिम आतंकवादी का खात्मा नहीं होता, तब तक ये ऑपरेशन चलते रहना चाहिए। यह सिर्फ बदला नहीं, बल्कि न्याय है।”
वहीं, पहलगाम आतंकी हमले में जान गंवाने वाले लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के पिता राजेश नरवाल ने कहा, “मैं अपनी भारतीय सेना, पैरामिलिट्री फोर्स और जम्मू कश्मीर पुलिस के साहस को सलाम करता हूं। उन्होंने अदम्य साहस के साथ आतंकियों को मार गिराया।”
पहलगाम हमले में जान गंवाने वाले कौस्तुभ गणबोटे की पत्नी संगीता गनबोटे ने कहा, “यह बहुत अच्छा हुआ। तीन महीने हो गए, फिर भी आतंकवादी क्यों नहीं पकड़े गए? यह अच्छा है कि अब पकड़े गए हैं। मैं चाहती थी कि मैं अपने हाथों से उन्हें गोली मारूं।”
गुजरात के भावनगर में रहने वाले यतीशभाई परमार और उनके बेटे स्मित परमार की मौत हो गई थी। यतीशभाई की पत्नी किरणबेन परमार ने कहा, “मेरे पति और बेटे की आत्मा को शांति मिलेगी। मोदी सरकार के प्रयासों से आज आतंकवादियों का सफाया हो गया।”
यतीशभाई के बेटे अभि परमार ने कहा, “भारतीय सेना को आखिरकार सफलता मिली और आतंकियों को मार गिराया।”