क्या ‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारतीय सेना के शौर्य का प्रतीक है?

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क्या ‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारतीय सेना के शौर्य का प्रतीक है?

सारांश

शिवसेना के सांसद अरविंद सावंत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की प्रशंसा की, लेकिन केंद्र सरकार और चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। जानिए उन्होंने क्या कहा और चुनावी राजनीति में उनकी चिंताएं क्या हैं।

Key Takeaways

  • ‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारतीय सेना के शौर्य का प्रतीक है।
  • सरकार और चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए गए हैं।
  • जनता के अधिकारों के लिए विपक्ष ने आवाज उठाने का निर्णय लिया है।

मुंबई, 29 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। शिवसेना (यूबीटी) के सांसद अरविंद सावंत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सराहना की। हालांकि, उन्होंने केंद्र सरकार और चुनाव आयोग पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारतीय सेना के शौर्य का प्रतीक है, जिसके लिए सेना की प्रशंसा होनी चाहिए, न कि सरकार की।

सावंत ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर पहलगाम जैसे हमलों का जवाब था। लेकिन, जिन्होंने हमारी मां-बहनों का सिंदूर छीना, वे आज भी पकड़े नहीं गए। सरकार असफलताओं को छिपाने और न किए गए कार्यों का ढोल पीटने में माहिर है।”

उन्होंने विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए इसे राजनीतिक साजिश करार दिया और कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) बिहार और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में होने वाले चुनावों से पहले मतदाता सूची से लोगों के नाम हटाकर उन्हें मतदान से वंचित करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है और इसका मकसद विपक्ष के समर्थकों को लोकतंत्र से बाहर करना है।

चुनाव आयोग की नियुक्ति प्रक्रिया पर सावंत ने तीखा हमला बोला और कहा कि पहले इस प्रक्रिया में प्रधानमंत्री, सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और विपक्ष के नेता शामिल होते थे। लेकिन, सरकार ने कानून बदलकर मुख्य न्यायाधीश को हटा दिया। अब नियुक्ति समिति में प्रधानमंत्री द्वारा नामित व्यक्ति और विपक्ष के नेता ही रह गए हैं, जिससे सरकार का दबदबा बढ़ गया है।

सावंत ने सवाल किया, “मुख्य न्यायाधीश को क्यों हटाया? क्या गुलामों को लाना चाहते हैं? यह संविधान और कानून की अवहेलना है।”

साथ ही, सावंत ने पत्रकारों से अपील की कि वे जांच करें कि किन लोगों के नाम मतदाता सूची से हटाए जा रहे हैं और किन्हें जोड़ा जा रहा है। उन्होंने मृत व्यक्तियों के नाम सूची में शामिल करने की प्रक्रिया पर भी सवाल उठाया और कहा कि विपक्ष इस मुद्दे पर चुप नहीं रहेगा और जनता के अधिकारों के लिए आवाज उठाता रहेगा।

Point of View

अरविंद सावंत ने भारतीय सेना के प्रति अपनी प्रशंसा व्यक्त की है, लेकिन चुनावी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता की कमी पर चिंता भी जताई है। यह मुद्दा न सिर्फ राजनीतिक बल्कि नागरिक अधिकारों से भी जुड़ा है। हमें इस पर गहराई से विचार करना चाहिए।
NationPress
29/07/2025

Frequently Asked Questions

ऑपरेशन सिंदूर क्या है?
ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सेना द्वारा किए गए एक महत्वपूर्ण अभियान का नाम है, जो देश की सुरक्षा के लिए किया गया था।
अरविंद सावंत ने सरकार पर क्या आरोप लगाए?
उन्होंने सरकार पर असफलताओं को छिपाने और विपक्ष को लोकतंत्र से बाहर करने की कोशिश करने का आरोप लगाया।
चुनाव आयोग की नियुक्ति प्रक्रिया में क्या बदलाव हुआ है?
सावंत के अनुसार, सरकार ने मुख्य न्यायाधीश को हटाकर प्रक्रिया में बदलाव किया है, जिससे सरकार का दबदबा बढ़ गया है।