क्या असदुद्दीन ओवैसी ने किरेन रिजिजू से उम्मीद पोर्टल पर बात की?

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क्या असदुद्दीन ओवैसी ने किरेन रिजिजू से उम्मीद पोर्टल पर बात की?

सारांश

दिल्ली में असदुद्दीन ओवैसी की किरेन रिजिजू से मुलाकात ने उम्मीद पोर्टल के पंजीकरण की समय सीमा बढ़ाने का सवाल उठाया है। इस विषय पर महत्वपूर्ण चर्चाएं हो रही हैं। जानिए इस मुलाकात के पीछे की कहानी और संभावित परिणाम।

Key Takeaways

  • उम्मीद पोर्टल की समय सीमा बढ़ाने की मांग की गई है।
  • केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू ने इस मुद्दे की गंभीरता पर ध्यान देने की बात की।
  • वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा के लिए लोगों को पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने का सुझाव दिया गया है।
  • डिजिटल इंडिया पहल के तहत यह पोर्टल शुरू किया गया है।
  • संपत्तियों का प्रबंधन अब और पारदर्शी होगा।

नई दिल्ली, 17 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार को दिल्ली में केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य एवं संसदीय कार्य मंत्री किरन रिजिजू से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने केंद्रीय मंत्री से उम्मीद पोर्टल पंजीकरण की समय सीमा बढ़ाने की मांग की।

केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा कि नई दिल्ली स्थित अपने आवास पर सांसद असदुद्दीन ओवैसी, मालेगांव विधायक मुफ्ती इस्माइल साहब और महाराष्ट्र के एडवोकेट मोमिन मुजीब साहब से मुलाकात की। अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में विकास परियोजनाओं के प्रस्ताव और उम्मीद पोर्टल पंजीकरण की समयसीमा बढ़ाने संबंधी पत्र प्राप्त हुआ।

वास्तव में, वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा के लिए बनाए गए उम्मीद पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन की समय सीमा बढ़ाने की मांग उठी है। वर्तमान में, यह अंतिम तारीख 5 दिसंबर 2025 है। इससे पहले, शिया चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना सैफ अब्बास नकवी ने केंद्र सरकार से यह अनुरोध किया था कि रजिस्ट्रेशन की आखिरी तारीख को एक साल आगे बढ़ाया जाए। मौलाना ने लोगों से अपील की है कि वे जल्द से जल्द अपनी वक्फ संपत्तियों को इस पोर्टल पर रजिस्टर कराएं ताकि वे सुरक्षित रहें। उन्होंने विशेष रूप से ग्रामीण और छोटे कस्बों के निवासियों से कहा कि अगर उनकी मस्जिदें, इमामबाड़े, कब्रिस्तान या दरगाहें वक्फ बोर्ड में दर्ज नहीं हैं, तो उन्हें उम्मीद पोर्टल पर अवश्य दर्ज कराना चाहिए।

यह भी ध्यान दें कि इस वर्ष जून में केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरन रिजिजू ने ‘उम्मीद’ (एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तिकरण, दक्षता और विकास) पोर्टल का शुभारंभ किया था। यह पोर्टल देशभर की वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण की प्रक्रिया को पारदर्शी और डिजिटल बनाने के उद्देश्य से शुरू किया गया है।

डिजिटल इंडिया पहल के तहत शुरू किए गए इस पोर्टल के माध्यम से अब सभी वक्फ बोर्डों की संपत्तियों का निर्धारित समय सीमा के भीतर पंजीकरण किया जाएगा। यह कदम वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और प्रशासन को सशक्त, प्रभावी और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

रिजिजू ने बताया कि देश में 9 लाख से अधिक वक्फ संपत्तियां हैं। आने वाले समय में इन सभी का पंजीकरण इस पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा। उन्होंने कहा, “हमने अधिनियम के अनुसार एक निश्चित समय सीमा तय की है, जिसमें संपत्तियों का पंजीकरण होना है। प्रक्रिया पूरी तरह स्पष्ट और सुविधाजनक है। इसमें किसी प्रकार की असुविधा नहीं होगी और सब कुछ पारदर्शी रहेगा। मैं सभी राज्य सरकारों और वक्फ बोर्डों से अपील करता हूं कि वे तय समय सीमा का कड़ाई से पालन करें।”

Point of View

NationPress
17/11/2025

Frequently Asked Questions

उम्मीद पोर्टल क्या है?
उम्मीद पोर्टल वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण और प्रबंधन के लिए एक डिजिटल प्लेटफार्म है।
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने क्या कहा?
केंद्रीय मंत्री ने वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने की दिशा में कई उपायों की बात की।
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