क्या भाजपा-नीतीश की नीतियों ने बिहार में भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया है? : असदुद्दीन ओवैसी

सारांश
Key Takeaways
- भ्रष्टाचार और असमानता बिहार की मुख्य समस्याएं हैं।
- यह चुनाव केवल वोट का हिसाब नहीं है, बल्कि भविष्य का सवाल है।
- युवाओं को पार्टी को मजबूत करने की आवश्यकता है।
- नीतीश कुमार की नीतियों ने भ्रष्टाचार को सामान्य बना दिया है।
- हर मजहब का सम्मान होना चाहिए।
गयाजी, 7 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा की तिथियों की घोषणा के बाद मंगलवार को गयाजी आए एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने राजद, भाजपा और नीतीश कुमार पर कड़ा हमला किया।
उन्होंने कहा कि नीतीश और भाजपा की नीतियों के चलते बिहार में भ्रष्टाचार और असमानता बढ़ गई है। गयाजी के चाकंद में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह चुनाव केवल वोट का हिसाब नहीं है, बल्कि यह हमारी इज्जत, हमारी बराबरी और हमारे बच्चों के भविष्य का सवाल है। अब वोट देकर केवल सरकार चुनना ही पर्याप्त नहीं है।
उन्होंने लोगों से पार्टी को मजबूत करने का आह्वान करते हुए कहा कि नेता वही बनेगा जो आपकी खातिर खड़ा होगा। उन्होंने यह भी कहा कि हर मजहब का सम्मान होना चाहिए। वक्फ कानून को लेकर केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि कानून बनाकर हमारी मस्जिदों और वक्फ की जमीनों पर कब्जा करने की कोशिश की जा रही है।
उन्होंने कहा कि यह चुनाव सिर्फ एक महीने का मुद्दा नहीं है, यह पीढ़ियों की लड़ाई है। बिहार में हम कम सीटों पर लड़े और जीते हैं। सांसद ओवैसी ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार के राज में भ्रष्टाचार आम हो चुका है। आवास योजना और पेंशन के लिए रिश्वत मांगी जाती है। नीतीश कुमार की सरकार ने भ्रष्टाचार को सामान्य बना दिया है।
उन्होंने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि हम एक विकल्प हैं। पार्टी की नीतियों को वे महिलाओं और बहनों तक पहुंचाएं। यह मेरी कामयाबी नहीं होगी, बल्कि यह आपकी कामयाबी होगी। अब खड़े होकर वोट का सही इस्तेमाल कीजिए। मतदाता केवल संख्या नहीं, सिटीजन बनिए।
उन्होंने कहा कि यह हिस्सेदारी की लड़ाई है। अगर हम संगठित हुए तो मुहिम बदल सकते हैं। राजद नेता तेजस्वी यादव और लालू यादव पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि हमलोग केवल छह सीटें ही मांग रहे थे, लेकिन उन्होंने नहीं दिया।