क्या पाकिस्तान की अदालत ने महरंग बलूच और उनके सहयोगियों की रिमांड 15 दिन बढ़ाई?

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क्या पाकिस्तान की अदालत ने महरंग बलूच और उनके सहयोगियों की रिमांड 15 दिन बढ़ाई?

सारांश

पाकिस्तान के क्वेटा में आतंकवाद निरोधक अदालत ने महरंग बलूच और उनके सहयोगियों की रिमांड को 15 दिन के लिए बढ़ा दिया है। इस निर्णय के पीछे पुलिस का अनुरोध है। क्या ये गिरफ्तारियां राजनीतिक दबाव का हिस्सा हैं? जानिए पूरी कहानी!

Key Takeaways

  • क्वेटा में आतंकवाद निरोधक अदालत ने महरंग बलूच की रिमांड बढ़ाई।
  • बीवाईसी के अन्य सदस्यों की रिमांड भी बढ़ाई गई है।
  • पुलिस ने गिरफ्तारी का अनुरोध किया था।
  • मानवाधिकार समूहों ने इस मुद्दे पर चिंता जताई है।
  • यह मामला राजनीतिक दबाव का सवाल उठाता है।

क्वेटा, 11 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। पाकिस्तान के क्वेटा में स्थित आतंकवाद निरोधक अदालत (एटीसी) ने गुरुवार को पुलिस के आग्रह पर बलूच यकजेहती समिति (बीवाईसी) के प्रमुख महरंग बलूच और उनके अन्य कार्यकर्ताओं की रिमांड को 15 दिनों के लिए बढ़ाने का फैसला लिया। स्थानीय मीडिया के अनुसार, यह जानकारी उनके वकील ने साझा की।

वकील इसरार बलूच ने बताया कि बीवाईसी के गिरफ्तार नेताओं को क्वेटा एटीसी-1 के न्यायाधीश मुहम्मद अली मुबीन के सामने पेश किया गया, जिन्होंने पुलिस के अनुरोध पर उनकी पुलिस हिरासत की अवधि 15 दिन और बढ़ा दी। बलूच ने यह भी कहा कि सिबगतुल्लाह शाहजी, बेबो बलूच, गुलजादी और बेबर्ग बलूच को भी अदालत में पेश किया गया।

महरंग बलूच और बीवाईसी के अन्य सदस्यों को क्वेटा के सिविल अस्पताल पर हमले और लोगों को हिंसा के लिए उकसाने के आरोप में 22 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। पाकिस्तान के प्रमुख दैनिक डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, उन्हें उस समय गिरफ्तार किया गया जब वे जबरन गायब किए जाने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।

बीवाईसी प्रमुख को लोक व्यवस्था बनाए रखने (एमपीओ) की धारा 3 के तहत गिरफ्तार किया गया था, जो अधिकारियों को 30 दिनों के लिए संदिग्धों को गिरफ्तार करने का अधिकार देता है। बाद में अप्रैल में बलूचिस्तान गृह विभाग ने उनकी हिरासत अवधि को और 30 दिनों के लिए बढ़ा दिया। जून में, बीवाईसी नेताओं की तीन महीने की हिरासत समाप्त होने के बाद, प्रांतीय सरकार ने चौथा विस्तार आदेश जारी किया।

एमपीओ के तहत उनकी गिरफ्तारी के बाद, महरंग बलूच और अन्य बीवाईसी नेताओं के खिलाफ आतंकवाद विरोधी अधिनियम और पाकिस्तान दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामले दर्ज किए गए। हिरासत के दौरान बीवाईसी नेताओं की रिमांड कई बार बढ़ाई गई है।

इस सप्ताह की शुरुआत में, बीवाईसी ने पाकिस्तानी अधिकारियों पर नेताओं को हिरासत में रखने के लिए लोक व्यवस्था बनाए रखने (एमपीओ) कानून का उपयोग करने का आरोप लगाया, जबकि अदालतें नियमित रूप से पाकिस्तान के आतंकवाद निरोधी विभाग (सीटीडी) से जवाबदेही मांगे बिना रिमांड विस्तार को मंजूरी दे देती हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि वकीलों ने बार-बार रिमांड रिपोर्ट मांगी, लेकिन अदालतों में सीटीडी का सामना करने का साहस नहीं है। मानवाधिकार समूह ने कहा कि पिछले दो वर्षों में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों और वीडियो बयानों के लिए उनके नेताओं के खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए हैं, लेकिन केवल तीन मामलों का ही निपटारा हुआ है और 30 से अधिक मामले लंबित हैं।

बीवाईसी ने हाल ही में हुई एक सुनवाई में महरंग बलूच और अन्य बीवाईसी नेताओं को पांच दिन की और रिमांड देने के लिए अदालत की कड़ी आलोचना की थी, जबकि पहले आश्वासन दिया गया था कि आगे कोई और रिमांड नहीं दी जाएगी। समूह ने कहा कि यह रिमांड विस्तार सार्वजनिक अवकाश के दिन दिया गया, जिससे सड़क जाम के कारण वकील और रिश्तेदार वहां नहीं आ सके। प्रदर्शनकारियों ने सवाल उठाया कि जब शांतिपूर्ण राजनीतिक कार्यकर्ताओं को न्याय नहीं मिल रहा है तो एक आम बलूच, जैसे कि एक चरवाहा, न्याय की उम्मीद कैसे कर सकता है।

Point of View

मैं मानता हूँ कि यह मामला पाकिस्तान में राजनीतिक दबाव और मानवाधिकारों के उल्लंघन को उजागर करता है। एक लोकतांत्रिक समाज में, न्याय की प्रक्रिया को स्पष्ट और निष्पक्ष होना चाहिए। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी नागरिकों को उनके अधिकारों की रक्षा मिले।
NationPress
11/09/2025

Frequently Asked Questions

महरंग बलूच को क्यों गिरफ्तार किया गया?
उन्हें क्वेटा सिविल अस्पताल पर हमले और हिंसा के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
क्या बीवाईसी के अन्य सदस्यों की भी रिमांड बढ़ाई गई है?
हाँ, बीवाईसी के अन्य सदस्यों की रिमांड भी बढ़ाई गई है।
महरंग बलूच की हिरासत कितनी बार बढ़ाई गई है?
उनकी हिरासत की अवधि कई बार बढ़ाई गई है।
क्या यह मामला राजनीतिक दबाव का हिस्सा है?
बीवाईसी के नेताओं ने इस पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिससे यह सवाल उठता है।
क्या मानवाधिकार समूहों ने इस पर प्रतिक्रिया दी है?
हाँ, मानवाधिकार समूहों ने बीवाईसी नेताओं के खिलाफ मामलों की लंबित स्थिति पर चिंता जताई है।