क्या पाकिस्तान सरकार की इमरान खान के समर्थकों पर बल प्रयोग की आलोचना सही है?
सारांश
Key Takeaways
- एमनेस्टी इंटरनेशनल का बल प्रयोग पर कड़ा रुख
- शांतिपूर्ण प्रदर्शन का सम्मान जरूरी है
- इमरान खान की हिरासत में गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन
इस्लामाबाद, 17 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। पाकिस्तान में अदियाला जेल के बाहर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे लोगों पर बार-बार हाई-प्रेशर वॉटर कैनन का उपयोग किए जाने को एमनेस्टी इंटरनेशनल ने बुधवार को शांतिपूर्ण सभा के अधिकार का स्पष्ट उल्लंघन बताया।
रिपोर्ट के अनुसार, प्रदर्शनकारी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान से अदालत के आदेश के बावजूद मुलाकात की अनुमति न दिए जाने के विरोध में रावलपिंडी स्थित अदियाला जेल के बाहर धरना दे रहे थे।
मानवाधिकार संगठन ने कहा कि मंगलवार रात भी ठंड में शांतिपूर्ण धरने को वॉटर कैनन से तितर-बितर किया गया। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि पानी में रासायनिक उत्तेजक पदार्थ मिले हुए थे। एमनेस्टी ने स्पष्ट किया कि अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार मानकों के अनुसार वॉटर कैनन का उपयोग केवल गंभीर सार्वजनिक अव्यवस्था और व्यापक हिंसा की स्थिति में ही किया जा सकता है।
इस घटना की निंदा करते हुए एमनेस्टी इंटरनेशनल ने जोर दिया कि पाकिस्तानी अधिकारियों को शांतिपूर्ण विरोध के अधिकार का सम्मान करना चाहिए और बल के असंगत व दंडात्मक इस्तेमाल को तुरंत बंद करना चाहिए।
संगठन ने कहा, “ये कार्रवाइयां शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता पैदा करती हैं और अदालत के आदेशों के अनुपालन न होने की ओर इशारा करती हैं। हाल ही में संयुक्त राष्ट्र के यातना मामलों के विशेष प्रतिवेदक ने भी इमरान खान को खराब परिस्थितियों में 23 घंटे तक एकांत कारावास में रखे जाने की निंदा की है, जो अंतरराष्ट्रीय मानकों के तहत मनोवैज्ञानिक यातना के समान है।”
अधिकार संगठन ने कहा कि परिवार और कानूनी सलाहकारों से मुलाकात से इनकार करना अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संधियों, जैसे अंतरराष्ट्रीय नागरिक और राजनीतिक अधिकारों की संधि (आईसीसीपीआर), तथा उचित प्रक्रिया के प्रावधानों का उल्लंघन है। संयुक्त राष्ट्र के नेल्सन मंडेला नियमों का हवाला देते हुए उसने कहा कि पारिवारिक संपर्क पर रोक को अनुशासनात्मक या दंडात्मक उपाय के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने पाकिस्तानी अधिकारियों से अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून के अनुसार इमरान खान को तुरंत परिवार और वकीलों से मिलने की अनुमति देने तथा हिरासत की परिस्थितियों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप सुनिश्चित करने की मांग की।
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह संयुक्त राष्ट्र की यातना मामलों की विशेष प्रतिवेदक एलिस जिल एडवर्ड्स ने भी पाकिस्तान सरकार से इमरान खान की “अमानवीय और गरिमा-विहीन” हिरासत परिस्थितियों को लेकर तत्काल और प्रभावी कदम उठाने का आग्रह किया था। उन्होंने चेतावनी दी थी कि ये हालात यातना या अन्य अमानवीय एवं अपमानजनक व्यवहार की श्रेणी में आ सकते हैं।
उन्होंने कहा, “मैं पाकिस्तानी अधिकारियों से अपील करती हूं कि वे यह सुनिश्चित करें कि इमरान खान की हिरासत की परिस्थितियां पूरी तरह अंतरराष्ट्रीय मानकों और नियमों के अनुरूप हों।”
एडवर्ड्स ने बताया कि 26 सितंबर 2023 को रावलपिंडी की अदियाला जेल में स्थानांतरण के बाद से इमरान खान को अत्यधिक समय तक एकांत कारावास में रखा गया है, जहां उन्हें दिन में 23 घंटे सेल में बंद रखा जाता है और बाहरी दुनिया से संपर्क बेहद सीमित है। उनके सेल में लगातार कैमरा निगरानी भी बताई गई है।