क्या इस्तांबुल वार्ता असफल हुई? पाकिस्तानी मंत्री तरार ने कहा, 'अफगान तालिबान के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करेंगे'

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क्या इस्तांबुल वार्ता असफल हुई? पाकिस्तानी मंत्री तरार ने कहा, 'अफगान तालिबान के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करेंगे'

सारांश

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सीजफायर वार्ता असफल हो गई है। मंत्री तरार ने कहा कि तालिबान ने आतंकवाद को रोकने की कोई गारंटी नहीं दी। अब पाकिस्तान निर्णायक कार्रवाई का फैसला ले रहा है। क्या इससे स्थिति और बिगड़ सकती है?

Key Takeaways

  • सीजफायर वार्ता असफल हुई।
  • तालिबान ने आतंकवाद को रोकने की कोई गारंटी नहीं दी।
  • पाकिस्तान अब निर्णायक कार्रवाई करेगा।
  • अफगान प्रतिनिधिमंडल वार्ता से भटका।
  • दोनों देशों के बीच स्थिति गंभीर हो सकती है।

इस्लामाबाद/काबुल, 29 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सीजफायर को लेकर हुई वार्ता विफल हो गई है। पाकिस्तानी सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार ने बुधवार को इस बात की जानकारी दी। कतर और तुर्की की मध्यस्थता में यह बातचीत इस्तांबुल में चल रही थी।

तरार ने अपने सोशल मीडिया संदेश में कहा, "चार दिवसीय बातचीत में कोई भी कारगर समाधान निकलने में असफल रही। तालिबान ने, सबूतों के बावजूद, सीमा पार आतंकवाद को रोकने की कोई भी गारंटी नहीं दी। पाकिस्तान आतंकवादियों और उनके समर्थकों के खिलाफ अपनी मुहिम जारी रखेगा।"

उनके अनुसार, अफगान प्रतिनिधिमंडल बार-बार वार्ता के मुख्य मुद्दों से भटकता रहा। पाकिस्तान ने पर्याप्त सबूत प्रदान किए, लेकिन तालिबान अपनी जिद पर अड़ा रहा।

तरार ने कहा कि पाकिस्तान अब आतंकवादियों और उनके समर्थकों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने की योजना बना रहा है, क्योंकि हालिया हमले सब्र की सीमा को पार कर गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कई दौर की बातचीत और पाकिस्तान की "ईमानदार कोशिशों" के बावजूद, तालिबान ठोस आश्वासन देने में विफल रहा है।

पाकिस्तानी मंत्री ने आरोप लगाया कि "जिम्मेदारी स्वीकार करने के बजाय, अफगान तालिबान ने दूसरों पर दोष डालने का सहारा लिया।"

दूसरी ओर, अफगान मीडिया ने कुछ स्रोतों के हवाले से बताया कि पाकिस्तान ने वार्ता बीच में ही छोड़ दिया। टोलोन्यूज के अनुसार, कुछ सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तानी प्रतिनिधि ने बातचीत की टेबल से उठकर यह कहा कि अफगान प्रतिनिधिमंडल ने इस्लामाबाद की कुछ मांगों का विरोध किया, जिससे वार्ता बिना किसी परिणाम के समाप्त हो गई। कई मुद्दों पर असहमति और पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल के गैर-कूटनीतिक व्यवहार के कारण वार्ता टूट गई। इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान ने पाकिस्तान के खिलाफ अफगान जमीन का उपयोग न होने देने का दोहराया।

यहां यह भी उल्लेखनीय है कि अक्टूबर में दोनों पड़ोसी देशों के बीच झड़पें हुईं। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल और अन्य स्थानों पर पाकिस्तानी हवाई हमलों के बाद संघर्ष बढ़ा। तालिबान ने 2,600 किमी लंबे बॉर्डर पर पाकिस्तान के सैन्य पोस्ट्स पर हमला किया था। कतर और तुर्की ने इस मामले को सुलझाने के लिए मध्यस्थता की। इसी बीच, शनिवार (25 अक्टूबर) को, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का एक बयान उकसाने वाला साबित हुआ। उन्होंने कहा कि अगर अफगानिस्तान में इस्तांबुल में कोई समझौता नहीं होता, तो इसका मतलब होगा 'खुली जंग'।

Point of View

यह स्पष्ट है कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच की वार्ता असफल हो गई है। वार्ता के दौरान तालिबान ने कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया, जिससे पाकिस्तान को कार्रवाई के लिए मजबूर होना पड़ा। यह स्थिति दोनों देशों के लिए गंभीर हो सकती है। हमें शांति और स्थिरता की आवश्यकता है।
NationPress
29/10/2025

Frequently Asked Questions

Istambul वार्ता क्यों असफल हुई?
वार्ता में तालिबान ने आतंकवाद रोकने की कोई गारंटी नहीं दी और मुख्य मुद्दों से भटकता रहा।
पाकिस्तान की आगे की योजना क्या है?
पाकिस्तान आतंकवादियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने की योजना बना रहा है।
क्या यह स्थिति और बिगड़ सकती है?
हाँ, यदि दोनों पक्षों के बीच वार्ता में कोई प्रगति नहीं होती है तो स्थिति बिगड़ सकती है।
तालिबान का क्या कहना है?
तालिबान ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तान जिम्मेदारी स्वीकार नहीं कर रहा है।
इस वार्ता में कौन-कौन शामिल थे?
वार्ता में पाकिस्तान और अफगान तालिबान के प्रतिनिधि शामिल थे, साथ ही कतर और तुर्की मध्यस्थता कर रहे थे।