क्या वित्त वर्ष 26 की तीसरी तिमाही में महंगाई दर 0.4 प्रतिशत रहने की संभावना है? : बैंक ऑफ बड़ौदा रिपोर्ट

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क्या वित्त वर्ष 26 की तीसरी तिमाही में महंगाई दर 0.4 प्रतिशत रहने की संभावना है? : बैंक ऑफ बड़ौदा रिपोर्ट

सारांश

क्या भारत में महंगाई दर अगले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 0.4 प्रतिशत तक सीमित रह सकती है? बैंक ऑफ बड़ौदा के नवीनतम रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख किया गया है। जानिए इस रिपोर्ट में और क्या जानकारी दी गई है।

Key Takeaways

  • महंगाई दर वित्त वर्ष 26 की तीसरी तिमाही में 0.4 प्रतिशत रहने की संभावना है।
  • खाद्य उत्पादों की कीमतों में कमी से ग्राहकों को राहत मिलेगी।
  • खुदरा महंगाई दर 0.7 प्रतिशत रही है।
  • महंगाई दर में गिरावट का मुख्य कारण हाई बेस है।
  • दिसंबर की शुरुआत में टमाटर, प्याज और आलू की कीमतों में वृद्धि देखी गई है।

नई दिल्ली, 15 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत में महंगाई दर वित्त वर्ष 26 की तीसरी तिमाही में एक सीमित दायरे में बनी रहने की उम्मीद है, और इस दौरान मुख्य महंगाई दर 0.4 प्रतिशत रहने की संभावना है, जो कि आरबीआई के महंगाई के अनुमान 0.6 प्रतिशत से थोड़ी कम है। यह जानकारी बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा सोमवार को जारी की गई रिपोर्ट में प्रस्तुत की गई।

बैंक का कहना है कि खाद्य उत्पादों की गिरती कीमतें और स्थिर मुख्य महंगाई दर के कारण हाल ही में सब्जियों की कीमतों में वृद्धि के बावजूद ग्राहकों के लिए राहत बनी रहेगी।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि खुदरा महंगाई दर आरबीआई के महंगाई लक्ष्य के निचले स्तर से लगातार कम बनी हुई है।

नवंबर में खुदरा महंगाई दर मात्र 0.7 प्रतिशत रही, जो पिछले वर्ष के इसी महीने में दर्ज महंगाई के आंकड़े 5.5 प्रतिशत से काफी कम है।

महंगाई दर में गिरावट का मुख्य कारण हाई बेस होना और खाद्य महंगाई दर का नवंबर में -3.9 प्रतिशत रहना है।

पिछले महीने सब्जियों की कीमतों में -22.20 प्रतिशत, दालों और उनसे जुड़े उत्पादों की कीमतों में -15.86 प्रतिशत और मसालों की कीमतों में -2.89 प्रतिशत की कमी देखी गई है।

रिपोर्ट के अनुसार, दस प्रमुख खाद्य पदार्थों में से पांच की मुद्रास्फीति दर अभी भी 4 प्रतिशत से कम है।

विशेष रूप से सब्जियों और अंडों में मौसमी कारकों के कारण खाद्य मुद्रास्फीति में कुछ क्रमिक वृद्धि देखी गई है, लेकिन बैंक ऑफ बड़ौदा ने इसे बड़ी चिंता का विषय नहीं माना है।

रिपोर्ट में उल्लेख है कि दिसंबर की शुरुआत में टमाटर, प्याज और आलू की कीमतों में कुछ वृद्धि हुई है, जिसमें पहले 11 दिनों में टमाटर की कीमतों में वार्षिक आधार पर 5.5 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है।

हालांकि, संचयी आधार पर, इन प्रमुख सब्जियों की कीमतें लगभग 25 प्रतिशत कम हैं, जिससे महंगाई दर में और गिरावट आने की संभावना है।

Point of View

यह रिपोर्ट महंगाई की वर्तमान स्थिति पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करती है। महंगाई दर की सीमित वृद्धि से आम जनता को राहत मिलेगी। हालांकि, हमें खाद्य कीमतों की मौसमी बढ़त पर नजर रखने की आवश्यकता है।
NationPress
15/12/2025

Frequently Asked Questions

महंगाई दर कब तक कम रहने की संभावना है?
विश्लेषकों का मानना है कि महंगाई दर वित्त वर्ष 26 की तीसरी तिमाही में 0.4 प्रतिशत के स्तर पर रह सकती है।
खाद्य कीमतों में कमी का क्या असर होगा?
खाद्य कीमतों में गिरावट से ग्राहकों को राहत मिलेगी और महंगाई दर में स्थिरता बनी रहेगी।
क्या सब्जियों की कीमतों में वृद्धि हो रही है?
हालांकि सब्जियों की कीमतों में मौसमी कारणों से कुछ वृद्धि देखी गई है, लेकिन यह चिंता का विषय नहीं है।
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