क्या मेसी इवेंट में हुई गड़बड़ी के खिलाफ कलकत्ता हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर की गईं?
सारांश
Key Takeaways
- मेसी इवेंट में हुई गड़बड़ी ने हजारों फैंस को निराश किया।
- कलकत्ता हाई कोर्ट में दो जनहित याचिकाएं दायर की गई हैं।
- जांच समिति की अध्यक्षता रिटायर्ड जस्टिस द्वारा की जा रही है।
- फैंस के गुस्से ने प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जताई।
- प्रबंधन की कमियों को उजागर करने वाला एक बड़ा मामला।
कोलकाता, 15 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। शनिवार को साल्ट लेक स्टेडियम में आयोजित मेसी इवेंट के दौरान एक बड़ी गड़बड़ी हुई, जिसके चलते कलकत्ता हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच में सोमवार को दो जनहित याचिकाएं (पीआईएल) दायर की गई हैं।
कलकत्ता हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सुजॉय पॉल की अध्यक्षता में डिवीजन बेंच ने दोनों याचिकाओं को स्वीकार कर लिया है। इन पर सुनवाई मंगलवार को होने की संभावना है।
पहली पीआईएल, सीनियर एडवोकेट बिल्वदल भट्टाचार्य द्वारा दायर की गई है, जिसमें टिकटों की बिक्री में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच की मांग की गई है। मेसी से संबंधित इस इवेंट में टिकटों की कीमतें 3,000 रुपये से लेकर 12,000 रुपये तक थीं।
दूसरी पीआईएल, सीनियर एडवोकेट सब्यसाची चट्टोपाध्याय ने दायर की है, जिसमें भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) से जांच कराने की मांग की गई है।
सब्यसाची चट्टोपाध्याय की पीआईएल में मेसी के शो में कुप्रबंधन की जांच के लिए एक रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में गठित समिति को चुनौती दी गई है।
इस याचिका में यह भी दावा किया गया है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा बनाई गई जांच समिति केवल दिखावा है और इसका उद्देश्य प्रबंधन के पीछे के मुख्य दोषियों को बचाना है।
लियोनेस मेसी 'जीओएटी इंडिया टूर 2025' के तहत भारत के दौरे पर हैं। वह शनिवार सुबह साल्ट लेक स्टेडियम पहुंचे थे, जहां हजारों फैंस उनकी एक झलक पाने के लिए बेताब थे, लेकिन जब फैंस अपने चहेते खिलाड़ी को देख नहीं सके, तो उनका गुस्सा भड़क गया। गुस्साए फैंस ने स्टेडियम में तोड़फोड़ करते हुए प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।
इस गड़बड़ी के तुरंत बाद मुख्यमंत्री द्वारा घोषित जांच समिति की अध्यक्षता कलकत्ता हाई कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस असीम कुमार रे कर रहे हैं। समिति के अन्य दो सदस्य पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव, मनोज पंत और गृह सचिव नंदिनी चक्रवर्ती हैं।