क्या एस जयशंकर अबू धाबी में भारत-यूएई संयुक्त आयोग की सह-अध्यक्षता करेंगे और इजरायल का दौरा करेंगे?
सारांश
Key Takeaways
- एस जयशंकर का अबू धाबी दौरा भारत-यूएई संबंधों के लिए महत्वपूर्ण है।
- इजरायल में द्विपक्षीय वार्ता आतंकवाद के मुद्दे पर केंद्रित होगी।
- हाल के आतंकी हमले के बाद भारत की संवेदनाएं पीड़ितों के साथ हैं।
अबू धाबी, 15 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर संयुक्त अरब अमीरात में सर बानी यास फोरम में भाग लेने के बाद, सोमवार को यूएई के उप प्रधानमंत्री और विदेश मामलों के मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान के साथ 16वें संयुक्त आयोग और 5वें रणनीतिक वार्ता की सह-अध्यक्षता करेंगे।
विदेश मंत्रालय द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, एस जयशंकर रणनीतिक वार्ता के बाद इजरायल का दौरा करेंगे, जहां वह विदेश मंत्री गिदोन सार के साथ द्विपक्षीय चर्चाएँ करेंगे। उम्मीद की जा रही है कि रविवार को सिडनी में यहूदियों पर हुए आतंकी हमले पर भी चर्चा हो सकती है, जिसमें 16 लोग मारे गए हैं।
घटना के बाद, विदेश मंत्री ने इस जानलेवा आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए लिखा, “हम ऑस्ट्रेलिया के बोंडी बीच में हनुक्का सेलिब्रेशन पर हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हैं। हमारी संवेदनाएं पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ हैं।”
इससे पहले, रविवार को, विदेश मंत्री जयशंकर ने गिदोन सार और इजरायल के लोगों को हनुक्का की शुभकामनाएं दी थीं। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "विदेश मंत्री गिदोन सार, इजरायल में दोस्तों और दुनिया भर में हनुक्का मनाने वाले सभी लोगों को हार्दिक शुभकामनाएं। रोशनी का यह त्योहार सभी के लिए शांति, उम्मीद और खुशी लाए। चाग समेच!" गिदोन सार ने भी उनके शुभकामनाओं के जवाब में लिखा, "धन्यवाद, प्यारे दोस्त!"
पिछले हफ्ते, इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन किया था, जिसमें दोनों नेताओं ने पश्चिमी एशिया के हालात पर विचार साझा किए थे। उन्होंने भारत-इजरायल रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की और आतंकवाद के प्रति अपनी जीरो-टॉलरेंस नीति की प्रतिबद्धता को फिर से दोहराया।
प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी एक प्रेस नोट के अनुसार, “पीएम मोदी ने इस क्षेत्र में सही और टिकाऊ शांति की कोशिशों के लिए भारत के समर्थन की फिर से पुष्टि की।”