क्या पानी पर सबका हक है? उमर अब्दुल्ला को ऐसे बयान नहीं देने चाहिए: हरपाल सिंह चीमा

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क्या पानी पर सबका हक है? उमर अब्दुल्ला को ऐसे बयान नहीं देने चाहिए: हरपाल सिंह चीमा

सारांश

पानी के मुद्दे पर उमर अब्दुल्ला का बयान विवाद का कारण बना है। पंजाब के मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। जानिए इस मुद्दे पर उनकी राय और भारत सरकार के निर्णय का क्या प्रभाव है।

Key Takeaways

  • पानी का मुद्दा राष्ट्रीय है।
  • सिंधु समझौता रद्द हुआ है।
  • जम्मू-कश्मीर को जल संकट का सामना करना पड़ रहा है।
  • पंजाब और राजस्थान के बीच पानी का विवाद है।
  • कैबिनेट ने महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं।

चंडीगढ़, 21 जून (राष्ट्र प्रेस)। पहलगाम हमले के बाद, भारत सरकार ने सिंधु समझौता को रद्द करते हुए पाकिस्तान की तरफ जाने वाले पानी को रोक दिया था। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि सिंधु समझौता रद्द होने के कारण बचे हुए जल पर केवल जम्मू-कश्मीर का हक है। वहीं, पंजाब के कैबिनेट मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने उमर अब्दुल्ला के इस बयान का विरोध किया है।

उमर अब्दुल्ला ने कहा, "जम्मू में सूखा पड़ा हुआ है, नलों में पानी नहीं है। मैं पंजाब को पानी क्यों भेजूं? उन्होंने हमें जरूरत के समय पानी नहीं दिया था। मैं फिलहाल पंजाब, हरियाणा, राजस्थान को पानी देने के पक्ष में नहीं हूं।"

इस पर हरपाल सिंह चीमा ने कहा, "पानी का मुद्दा राष्ट्रीय है। भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर से होते हुए पाकिस्तान जाने वाले जल को रोकने का निर्णय लिया था। यह एक स्वागत योग्य निर्णय था। इसका लाभ पंजाब, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर को होना चाहिए। उमर अब्दुल्ला का यह बयान अनुचित है। पंजाब और अन्य राज्यों में पानी की कमी है।"

पंजाब सरकार पर राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले को पानी नहीं देने का आरोप भी लग रहा है। इस पर चीमा ने कहा कि समझौते के अनुसार हम राजस्थान को पानी दे रहे हैं। इससे अधिक पानी हमारे पास नहीं है।

पंजाब कैबिनेट की बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णयों की जानकारी देते हुए कैबिनेट मंत्री ने कहा, "कैबिनेट की बैठक पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में हुई है। इसमें कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इसमें जेल प्रबंधन को मजबूत करने के लिए 500 अधिकारियों की नियुक्ति का निर्णय लिया गया है। फायर सेफ्टी प्रमाणपत्र की पूर्व अवधि 1 साल से बढ़ाकर 3 साल कर दी गई है। इसके अलावा, पंजाब लेबर वेलफेयर फंड में नियोक्ता और कर्मचारी के योगदान को बढ़ाया गया है। कर्मचारी का योगदान 10 रुपए और नियोक्ता का योगदान 40 रुपए किया गया है।

Point of View

वहीं अन्य राज्यों को भी पानी की आवश्यकता है। यह आवश्यक है कि हम सभी एकजुट होकर इस समस्या का सामना करें।
NationPress
05/08/2025

Frequently Asked Questions

उमर अब्दुल्ला ने पानी पर क्या कहा?
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू में सूखा पड़ा है और इसलिए वह पंजाब को पानी नहीं भेजना चाहते।
हरपाल सिंह चीमा ने उमर अब्दुल्ला के बयान पर क्या प्रतिक्रिया दी?
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि पानी का मुद्दा राष्ट्रीय है और इसे सभी राज्यों के लिए लाभकारी होना चाहिए।