क्या पानीपत में तिरंगे की रिसाइक्लिंग की गई है? बुलेटप्रूफ जैकेट में अरामिड कपड़े का पुनः उपयोग कैसे होगा?

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क्या पानीपत में तिरंगे की रिसाइक्लिंग की गई है? बुलेटप्रूफ जैकेट में अरामिड कपड़े का पुनः उपयोग कैसे होगा?

सारांश

पानीपत में तिरंगे की रिसाइक्लिंग की प्रक्रिया शुरू की गई है, जिससे बुलेटप्रूफ जैकेट के लिए अरामिड फाइबर का पुनः उपयोग संभव हो सकेगा। यह परियोजना न केवल पर्यावरण सुरक्षा को बढ़ावा देती है, बल्कि देशभक्ति की भावना को भी मजबूत करती है।

Key Takeaways

  • तिरंगे की रिसाइक्लिंग की प्रक्रिया शुरू हुई है।
  • बुलेटप्रूफ जैकेट के लिए अरामिड कपड़े का पुनः उपयोग संभव।
  • पर्यावरण सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा।
  • 28 नवंबर 2025 को एक बड़ी प्रदर्शनी का आयोजन।
  • भारत तकनीकी कपड़ों के क्षेत्र में अग्रणी बन रहा है।

पानीपत, 26 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय वस्त्र मंत्रालय के राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन ने पानीपत में एक नई और महत्वपूर्ण परियोजना को मंजूरी दे दी है। दिल्ली के सहयोग से पानीपत में "अटल वस्त्र पुनर्चक्रण एवं स्थिरता केंद्र" की स्थापना की गई है।

इस केंद्र ने दो महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की हैं। पहली बार देश में पुराने तिरंगे को गरिमा के साथ रिसाइक्लिंग करने की वैज्ञानिक प्रक्रिया शुरू की गई है और दूसरी, बुलेटप्रूफ जैकेट और एयरोस्पेस में इस्तेमाल होने वाले महंगे अरामिड फाइबर को पुनः उपयोग करने की तकनीक विकसित की गई है।

इस नई प्रक्रिया में तिरंगे के कपड़े को अलग किया जाता है, उसकी गरिमा को बनाए रखते हुए उसे रिसाइक्लिंग कर नया धागा या अन्य वस्तुएँ बनाई जा रही हैं। यह तरीका "हर घर तिरंगा" अभियान के साथ जुड़ता है और देशभक्ति के साथ-साथ पर्यावरण सुरक्षा को भी मजबूती प्रदान करता है।

दूसरी महत्वपूर्ण उपलब्धि अरामिड फाइबर की है। यह एक बहुत मजबूत और महंगा कपड़ा है, जो सेना की बुलेटप्रूफ जैकेट, हवाई जहाज और सुरक्षात्मक कपड़ों में उपयोग होता है। पहले इसे पुराना होने पर फेंक दिया जाता था, लेकिन अब पानीपत के इस केंद्र ने इसे रिसाइक्लिंग करने की तकनीक विकसित कर ली है। कई बड़ी कंपनियाँ इसे अपनाने लगी हैं, जिससे लाखों-करोड़ों रुपये की बचत हो रही है और कचरा भी कम हो रहा है।

इन दोनों तकनीकों को प्रदर्शित करने के लिए 28 नवंबर 2025 को पानीपत में एक बड़ी प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा। पंजाब, हरियाणा और दिल्ली चैंबर ऑफ कॉमर्स इस कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है। इस कार्यक्रम में उद्योगपति, सरकारी अधिकारी और वैज्ञानिक शामिल होंगे।

वस्त्र मंत्रालय का कहना है कि यह परियोजना यह दिखाती है कि तकनीकी कपड़ों के क्षेत्र में भारत अब केवल उपयोगकर्ता नहीं बल्कि नई तकनीक बनाने वाला देश बनता जा रहा है। पानीपत, जो पहले केवल कंबल और कारपेट के लिए जाना जाता था, अब रिसाइक्लिंग और हाई-टेक कपड़ों का बड़ा केंद्र बनने जा रहा है।

Point of View

बल्कि यह पर्यावरण के प्रति हमारी जिम्मेदारी को भी उजागर करती है। पानीपत का यह केंद्र हमें दिखाता है कि हम कैसे पुनर्चक्रण के माध्यम से संसाधनों का अधिकतम उपयोग कर सकते हैं।
NationPress
26/11/2025

Frequently Asked Questions

पानीपत में रिसाइक्लिंग केंद्र कब स्थापित हुआ?
पानीपत में 'अटल वस्त्र पुनर्चक्रण एवं स्थिरता केंद्र' की स्थापना हाल ही में की गई है।
क्या तिरंगे की रिसाइक्लिंग से क्या लाभ होगा?
तिरंगे की रिसाइक्लिंग से देशभक्ति के साथ-साथ पर्यावरण सुरक्षा को भी बढ़ावा मिलेगा।
अरामिड फाइबर का उपयोग किसमें होता है?
अरामिड फाइबर का उपयोग बुलेटप्रूफ जैकेट, हवाई जहाज और सुरक्षात्मक कपड़ों में किया जाता है।
प्रदर्शनी का आयोजन कब होगा?
प्रदर्शनी का आयोजन 28 नवंबर 2025 को पानीपत में होगा।
इस परियोजना का उद्देश्य क्या है?
इस परियोजना का उद्देश्य रिसाइक्लिंग के माध्यम से पर्यावरण की रक्षा करना और नई तकनीक विकसित करना है।
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