क्या 'जंगलराज' की बजाय रोजगार पर ध्यान देना चाहिए?: पप्पू यादव
सारांश
Key Takeaways
- पूर्णिया में राजनीति गर्म है।
- पप्पू यादव ने रोजगार का मुद्दा उठाया।
- एनडीए पुराने मुद्दों को उछाल रहा है।
- बिहार चुनाव में मतदान का प्रतिशत बढ़ा है।
- 14 नवंबर को मतगणना होगी।
पूर्णिया, 7 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के पूर्णिया में राजनीतिक बयानबाजी अपने चरम पर पहुँच गई है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के कसबा विधानसभा क्षेत्र में दिए गए बयान पर पूर्णिया के सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने तीखा पलटवार किया है। उन्होंने 'जंगलराज' बनाम 'रोजगार' की बहस पर एनडीए को घेरा।
पप्पू यादव ने कहा कि असम के मुख्यमंत्री सरमा अपनी विवादास्पद भाषा का प्रयोग कर रहे हैं। वह हर बार आते हैं और कुछ न कुछ बेतुका बोलते हैं।
उन्होंने कहा, "आज के युवाओं की सबसे बड़ी चिंता नौकरी और रोजगार है। लेकिन, सत्ता पक्ष बार-बार पुराने मुद्दों को उछालकर लोगों का ध्यान भटका रहा है।"
उन्होंने आगे कहा, "मैंने पहले भी कहा था कि युवाओं को नौकरी की आवश्यकता है। वे बस बकवास नहीं सुनना चाहते। उन्हें न हिंदू चाहिए, न मुसलमान, न पिछड़ा-अगड़ा, न जात-पात। आप 20 साल पुराने 'जंगलराज' की बातें कर रहे हैं और नौकरियों की बात नहीं कर रहे।"
असम के मुख्यमंत्री के बयान और पप्पू यादव की तीखी प्रतिक्रिया से पूर्णिया का चुनावी माहौल और भी गरम हो गया है।
वहीं, एनडीए का दावा है कि इस बार भी सीएम नीतीश ही सत्ता में रहेंगे, जबकि इंडी गठबंधन बिहार में बदलाव की बात कर रहा है और तेजस्वी यादव को अपना सीएम फेस बनाया है।
बता दें कि बिहार में 243 सीटों में से 121 सीटों के लिए गुरुवार को पहले चरण के तहत वोटिंग संपन्न हो गई है। विधानसभा चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण में 20 जिलों की 122 विधानसभा सीटों पर 11 नवंबर को मतदान होना है। बिहार चुनाव की मतगणना 14 नवंबर को होगी।
बिहार चुनाव में पहले दौर का मतदान गुरुवार को शांति से संपन्न हुआ। बिहार विधानसभा के लिए पहले दौर में रिकॉर्ड 64.66 प्रतिशत मतदान हुआ। अब, 1,314 उम्मीदवारों का चुनावी भाग्य EVM में कैद हो गया है। सभी की निगाहें 14 नवंबर को होने वाली मतगणना पर टिकी हुई हैं।