क्या पप्पू यादव ने 'वोट अधिकार यात्रा' को समर्थन दिया है? गरीबों और संविधान की रक्षा के लिए क्या है उनकी लड़ाई?

सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी की 'वोट अधिकार यात्रा' बिहार में शुरू होने जा रही है।
- पप्पू यादव ने यात्रा का समर्थन किया है।
- यात्रा का उद्देश्य गरीबों की रक्षा और संविधान की सुरक्षा है।
- चुनाव आयोग की प्रक्रियाओं पर सवाल उठाए गए हैं।
- मताधिकार का समर्थन करने के लिए 17 अगस्त से यात्रा शुरू होगी।
पटना, 13 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी बिहार में 'वोट अधिकार यात्रा' आरंभ करने जा रही है। इस यात्रा के संदर्भ में पूर्णिया के निर्दलीय सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी का निर्णय जनता के बीच जाने का है, जिसे हम पूरा समर्थन देंगे।
बुधवार को पटना में पत्रकारों से बातचीत करते हुए सांसद पप्पू यादव ने कहा, "हर नेता को अपनी बात रखने का अधिकार है। महागठबंधन के सभी नेताओं में लड़ने की क्षमता है। राहुल गांधी के इस निर्णय का हम समर्थन करते हैं। 17 अगस्त से हम मताधिकार के समर्थन में, बिहार के गरीबों की रक्षा के लिए तथा संविधान की सुरक्षा के लिए आगे बढ़ेंगे।"
एसआईआर विवाद और डबल एपिक नंबर के मुद्दे पर पप्पू यादव ने कहा, "मैंने पहले भी कहा है कि एपिक आईडी को आधार कार्ड से जोड़ना चाहिए। जब एपिक नंबर आधार से जुड़ जाएगा, तो कोई समस्या नहीं रहेगी। फिर भी, वे इसे लिंक क्यों नहीं कर रहे हैं? वे कहते हैं कि 8 लाख डबल वोटर आईडी कार्ड हैं। हमारे नेता (राहुल गांधी) ने यह कहा है कि 'वोट की चोरी' से भाजपा सत्ता में आई है। चुनाव आयोग न तो सीसीटीवी फुटेज देने को तैयार है और न ही वोटर लिस्ट। यह भी स्पष्ट नहीं कर रहा है कि 65 लाख वोट किसके कटे हैं और क्यों कटे हैं?"
उन्होंने आगे कहा, "आयोग का कहना है कि करोड़ों लोगों तक बीएलओ पहुंचे, लेकिन जब उन्होंने लोगों से कोई दस्तावेज नहीं लिया है, तो किस आधार पर वोट काटा गया? मुझे लगता है कि उन्होंने पहले से तय कर लिया था कि किसका वोट काटना है।"
पप्पू यादव ने चुनाव आयोग की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा, "अगर लोकसभा का चुनाव आधार कार्ड पर गलत हुआ है, तो मैं मांग करता हूं कि पहले लोकसभा को भंग किया जाए। उन्हें (ईसीआई) नया चुनाव कराना चाहिए और फिर एसआईआर का आयोजन करना चाहिए।"