क्या बिहार में पसमांदा समाज को एनडीए सरकार ने आरक्षण दिया? : सम्राट चौधरी

सारांश
Key Takeaways
- एनडीए सरकार ने पसमांदा समाज को आरक्षण प्रदान किया है।
- तेजस्वी यादव के बयान पर सम्राट चौधरी ने तीखी प्रतिक्रिया दी।
- बिहार की राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप का खेल जारी है।
पटना, 30 जून (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव द्वारा महागठबंधन की सरकार बनने पर वक्फ संशोधन कानून को 'कूड़ेदान' में फेंके जाने के बयान पर उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने राजद प्रमुख लालू यादव के परिवार को निशाना बनाया। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव कोई नई बात नहीं कह रहे हैं।
उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने पटना में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, "लालू यादव के परिवार से यही उम्मीद की जा सकती है। गुंडागर्दी और अपराधीकरण की बातें हों, तो हमेशा लालू यादव का परिवार। अब यदि बिल फाड़ने की बात हो, तो भी लालू यादव का परिवार।"
उन्होंने आगे कहा कि यह कोई नया काम नहीं है। आज यदि महिलाएं उन्हें वोट नहीं देती, तो इसका मूल कारण यह है कि 1998-99 में अटल बिहारी वाजपेयी ने महिला आरक्षण बिल लाया था, जिसे लालू यादव की पार्टी के लोगों ने फाड़ दिया। वे यही काम कर सकते हैं।
उन्होंने स्पष्ट किया कि बिहार में यदि पसमांदा समाज को आरक्षण मिला है, तो वह एनडीए सरकार ने दिया है।
उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने राजद द्वारा पटना में आयोजित वैश्य सम्मेलन में तेजस्वी यादव के वोट देने की अपील पर कटाक्ष करते हुए कहा कि बिहार की जनता, विशेषकर वैश्य समाज, जानती है कि ये 'समाजवादी' केवल अपने ही स्वार्थ के लिए काम करते थे और लालू यादव के 15 सालों में उनका शोषण किया।
बता दें कि पटना के बापू सभागार में आयोजित वैश्य सम्मेलन में राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा था कि यदि महागठबंधन की सरकार बनी, तो वैश्य आयोग का गठन किया जाएगा और व्यापारियों को पूरी सुरक्षा दी जाएगी। उन्होंने समाज के लोगों से समर्थन मांगा था।