क्या पटियाला के सनौरी अड्डा पर कार्रवाई विवाद का विषय बन गया है?

Click to start listening
क्या पटियाला के सनौरी अड्डा पर कार्रवाई विवाद का विषय बन गया है?

सारांश

पटियाला में सनौरी अड्डा पर प्रशासन की कार्रवाई ने एससी समुदाय के बीच गुस्से का माहौल बना दिया है। क्या प्रशासन के खिलाफ उठे आक्रोश को रोकने के लिए राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग कार्रवाई करेगा?

Key Takeaways

  • एससी समुदाय के घरों पर प्रशासन की कार्रवाई विवाद का कारण बनी है।
  • राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने मामले का संज्ञान लिया है।
  • स्थानीय लोगों की शिकायतें गंभीर हैं।
  • जांच की समय सीमा 15 दिन है।
  • राजनीतिक दबाव बढ़ता जा रहा है।

पटियाला, 11 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब के पटियाला में हाल ही में सनौरी अड्डा पर हुई कार्रवाई ने प्रदेशभर में हलचल पैदा कर दी है। नगर निगम और पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा चलाए गए अवैध कब्जा हटाओ अभियान के दौरान एससी समुदाय के घरों पर तोड़फोड़ की गई। इस मामले में अब राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने संज्ञान लिया है।

आयोग ने डिप्टी कमिश्नर पटियाला को 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं।

सूत्रों के अनुसार, कुछ दिन पहले नगर निगम और पीडब्ल्यूडी विभाग ने सनौरी अड्डा क्षेत्र में अवैध कब्जे हटाने की कार्रवाई की थी। इस दौरान बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि प्रशासन ने बिना किसी पूर्व सूचना के उनके घर और झोपड़ियां गिरा दीं, जबकि कई परिवार वहां वर्षों से निवास कर रहे थे। स्थानीय लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने कार्रवाई के दौरान डराया-धमकाया और गाली-गलौज की, जिससे इलाके में माहौल तनावपूर्ण हो गया।

घटना के बाद एससी समुदाय के लोगों ने आयोग को लिखित शिकायत भेजी, जिसमें कहा गया कि कार्रवाई के दौरान पुलिस ने कुछ लोगों को गैरकानूनी तरीके से हिरासत में लिया और उन पर दबाव बनाया कि वे अपने घर खाली करें।

शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया कि तोड़फोड़ के दौरान महिलाओं और बच्चों के साथ दुर्व्यवहार हुआ और कई परिवार बेघर हो गए।

शिकायत की गंभीरता को देखते हुए, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने 11 अक्टूबर 2025 को डिप्टी कमिश्नर पटियाला को नोटिस जारी किया है। आयोग ने डीसी को आदेश दिया है कि वह 15 दिनों के अंदर संपूर्ण जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करें और बताएँ कि कार्रवाई के दौरान कानूनी प्रक्रिया का पालन किया गया था या नहीं।

आयोग ने चेतावनी दी है कि यदि तय समयसीमा के भीतर रिपोर्ट नहीं दी गई, तो यह मामला सिविल कोर्ट में भेजा जा सकता है।

यह मामला अब राजनीतिक रंग लेता जा रहा है। स्थानीय सामाजिक संगठनों और एससी समुदाय के नेताओं ने प्रशासन के खिलाफ निष्पक्ष जांच और कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि गरीब परिवारों के घरों पर अत्याचार हुआ है, और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।

इस मामले पर डिप्टी कमिश्नर कार्यालय की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। हालांकि, आयोग के नोटिस के बाद जिला प्रशासन पर जांच का दबाव साफ महसूस किया जा रहा है।

Point of View

बल्कि यह पूरे देश में समाज के कमजोर वर्गों के अधिकारों और सुरक्षा के सवाल को उठाता है। एक स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच आवश्यक है ताकि सभी पक्षों को न्याय मिल सके।
NationPress
11/10/2025

Frequently Asked Questions

सनौरी अड्डा पर कार्रवाई का कारण क्या था?
नगर निगम और पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा अवैध कब्जे हटाने का अभियान चलाया गया था।
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने क्या कार्रवाई की है?
आयोग ने डिप्टी कमिश्नर पटियाला को 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं।
स्थानीय लोगों के आरोप क्या हैं?
स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि प्रशासन ने बिना सूचना के उनके घरों पर तोड़फोड़ की और पुलिस ने डराया-धमकाया।
क्या इस मामले में राजनीतिक दबाव है?
हां, स्थानीय संगठनों ने प्रशासन के खिलाफ निष्पक्ष जांच की मांग की है।
क्या डिप्टी कमिश्नर ने कोई बयान दिया है?
अभी तक डिप्टी कमिश्नर कार्यालय की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।