क्या पटना में 'डॉग बाबू' के नाम से निवास प्रमाण पत्र जारी हुआ?

Click to start listening
क्या पटना में 'डॉग बाबू' के नाम से निवास प्रमाण पत्र जारी हुआ?

सारांश

पटना जिले के मसौढ़ी अंचल में 'डॉग बाबू' के नाम पर निवास प्रमाण पत्र जारी होने की घटना ने प्रशासनिक हलकों में हलचल मचा दी है। जिला प्रशासन ने मामले की गंभीरता को समझते हुए त्वरित कार्रवाई की है। जानिए इस अजीबोगरीब मामले की पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • अविवेकपूर्ण प्रमाण पत्र जारी करने की घटना
  • जिला प्रशासन की त्वरित कार्रवाई
  • स्थानीय थाने में प्राथमिकी दर्ज
  • सोशल मीडिया पर बहस
  • संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई

पटना, 28 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के पटना जिले के मसौढ़ी अंचल में 'डॉग बाबू' के नाम से निवास प्रमाण पत्र जारी होने की घटना ने लोगों का ध्यान खींचा है। इस मामले के उजागर होने के बाद जिला प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई शुरू कर दी है। संबंधित थाने में एक प्राथमिकी दर्ज कराई गई है और पूरे मामले की जांच का आदेश दिया गया है।

पटना जिला प्रशासन के अनुसार, "मसौढ़ी अंचल में ‘डॉग बाबू' के नाम से निवास प्रमाण पत्र जारी करने का मामला सामने आया है। जैसे ही यह जानकारी मिली, उक्त प्रमाण पत्र को रद्द कर दिया गया है।"

इसके साथ ही, आवेदक, कंप्यूटर ऑपरेटर और प्रमाण पत्र जारी करने वाले पदाधिकारी के खिलाफ स्थानीय थाना में प्राथमिकी दर्ज की जा रही है। अनुमंडल पदाधिकारी, मसौढ़ी को इस मामले की विस्तृत जांच कर 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है। जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि दोषी कर्मियों एवं अधिकारियों के खिलाफ विभागीय और अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

इस घटना में उल्लेखनीय है कि पटना जिले के मसौढ़ी अंचल कार्यालय के आरटीपीएस पोर्टल से एक ऐसा निवास प्रमाण पत्र जारी हुआ। इसमें नाम दर्ज है ‘डॉग बाबू’, पिता का नाम ‘कुत्ता बाबू’, माता का नाम ‘कुतिया बाबू’, और पता काउलीचक, वार्ड नंबर 15, नगर परिषद मसौढ़ी लिखा है।

इस प्रमाण पत्र में फोटो की जगह पर एक कुत्ते की तस्वीर है। यह प्रमाण पत्र (क्रमांक: बीआरसीसीओ/2025/15933581) पर मसौढ़ी अंचल कार्यालय के राजस्व पदाधिकारी मुरारी चौहान की डिजिटल सिग्नेचर भी है। इस घटना पर सोशल मीडिया में भी खूब चर्चाएँ हो रही हैं, और लोग इसे लेकर विभिन्न प्रकार की बातें कर रहे हैं।

Point of View

NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

क्या यह निवास प्रमाण पत्र वैध था?
नहीं, यह निवास प्रमाण पत्र अवैध था और जिला प्रशासन ने इसे रद्द कर दिया है।
क्या इस मामले में कोई कार्रवाई हुई है?
हाँ, स्थानीय थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है और जांच का आदेश दिया गया है।
इस मामले में मुख्य जिम्मेदार कौन है?
आवेदक, कंप्यूटर ऑपरेटर और प्रमाण पत्र जारी करने वाला पदाधिकारी मुख्य जिम्मेदार हैं।
क्या सोशल मीडिया पर इस घटना की चर्चा हो रही है?
हाँ, सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर व्यापक चर्चा हो रही है।
क्या प्रशासन इस मामले में सख्त कार्रवाई करेगा?
हाँ, प्रशासन ने दोषियों के खिलाफ विभागीय और अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।