क्या एसआईआर को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्वागत योग्य है? पवन खेड़ा का बयान

सारांश
Key Takeaways
- सुप्रीम कोर्ट का निर्णय एसआईआर प्रक्रिया को पारदर्शिता देता है।
- पवन खेड़ा ने इसे लोकतंत्र की जीत बताया।
- भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा गया कि यह साजिशें कर रही है।
- जो लोग सूची से बाहर हैं, उनके साथ न्याय सुनिश्चित करना आवश्यक है।
- भाजपा और सहयोगी संगठनों के खिलाफ सजग रहने की अपील।
नई दिल्ली, 14 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा ने बिहार में एसआईआर प्रक्रिया से संबंधित सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने इसे लोकतंत्र की महत्वपूर्ण जीत बताते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर गंभीर आरोप लगाए।
पवन खेड़ा ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर से आधार की वैधता को मान्यता दी है और निर्देशित किया है कि जिन 65 लाख लोगों को एसआईआर सूची से बाहर रखा गया है, उनके नाम और बाहर करने के कारणों को वेबसाइट पर उपलब्ध कराया जाए।"
उन्होंने इस ऐतिहासिक फैसले का स्वागत करते हुए कहा, "यह आदेश न केवल लोकतंत्र को मजबूत बनाता है, बल्कि पारदर्शिता को भी बढ़ावा देता है। जो लोग सूची से बाहर किए गए हैं, उनके साथ न्याय सुनिश्चित करना बेहद आवश्यक है।"
भाजपा पर निशाना साधते हुए खेड़ा ने कहा, "हमें भाजपा की साजिशों के प्रति सतर्क रहना होगा। ये लोग किसी भी हद तक जा सकते हैं।" इस फैसले को उन्होंने लोकतंत्र को जीवित रखने की दिशा में एक बड़ा कदम माना।
पवन खेड़ा ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उस बयान पर भी कड़ी प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने कांग्रेस को देश के विभाजन का जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने कहा, "1938 में हिंदू महासभा ने गुजरात में अपने अधिवेशन में 'टू नेशन थ्योरी' का सबसे पहले उल्लेख किया था। यदि उस समय हिंदू महासभा के लोग विभाजन के पक्ष में थे, तो आज का दिन उनके लिए पश्चाताप का दिन होना चाहिए।"
उन्होंने सीएम के बयान को ऐतिहासिक तथ्यों से परे और राजनीति से प्रेरित बताया। पवन खेड़ा ने कहा कि कांग्रेस हमेशा से देश की एकता और अखंडता के लिए प्रतिबद्ध रही है। भाजपा और उसके सहयोगी संगठन इतिहास को तोड़-मरोड़कर जनता को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने जनता से अपील की कि वे उन ताकतों के खिलाफ सजग रहें जो समाज को विभाजित करने की कोशिश कर रही हैं।