क्या उपेंद्र कुशवाहा से मिले भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह?

Click to start listening
क्या उपेंद्र कुशवाहा से मिले भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह?

सारांश

भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार पवन सिंह ने उपेंद्र कुशवाहा से मुलाकात की, जिसमें राजनीतिक स्थिति पर चर्चा हुई। क्या यह मुलाकात बिहार की राजनीति में नई हलचल पैदा करेगी? जानिए इस महत्वपूर्ण मुलाकात के पीछे की कहानी और इसके संभावित प्रभाव।

Key Takeaways

  • पवन सिंह की उपेंद्र कुशवाहा से मुलाकात
  • भाजपा के लिए आगामी चुनावों में उनकी भूमिका
  • बिहार की राजनीति में नई हलचल
  • भोजपुरी सिनेमा का राजनीतिक प्रभाव
  • भाजपा और आरएलएम के बीच प्रतिस्पर्धा

नई दिल्ली, 30 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार पवन सिंह ने मंगलवार की सुबह राष्ट्रीय लोक मोर्चा पार्टी (आरएलएम) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा से उनके दिल्ली आवास पर मुलाकात की। इस मौके पर विनोद तावड़े और ऋतुराज सिंह भी मौजूद थे।

भाजपा नेता विनोद तावड़े ने कहा, "गायक और अभिनेता पवन सिंह भाजपा में हैं और भाजपा में ही रहेंगे। उपेंद्र कुशवाहा ने उन्हें आशीर्वाद दिया है। पवन सिंह बिहार में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा सदस्य के रूप में एनडीए के लिए सक्रिय रूप से काम करेंगे।"

इसके साथ ही, राजद सांसद सुधाकर सिंह ने कहा, "यह स्पष्ट है कि भाजपा ने कुशवाहा के नेतृत्व को चुनौती देने और उनके राजनीतिक प्रभाव को कमजोर करने के लिए पवन सिंह को बी-टीम के तौर पर मैदान में उतारा था। यह रणनीति सफल रही है। आज, कुशवाहा बिहार की राजनीति में अपनी प्रासंगिकता खो चुके हैं और उनकी सौदेबाजी की क्षमता भी समाप्त हो गई है। पवन सिंह अब किससे मिलते हैं, इसका कोई विशेष महत्व नहीं है, लेकिन भाजपा उनका उपयोग करके कुशवाहा को किनारे लगाने में सफल रही।"

ज्ञात हो कि पवन सिंह लंबे समय से एनडीए के समर्थक माने जाते रहे हैं और उन्होंने कई मौकों पर भाजपा और उसके सहयोगियों के कार्यक्रमों में भी भाग लिया है। अब जब बिहार में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज हो रही हैं, तो पवन सिंह भी राजनीतिक मंच पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए तैयार हैं।

आरा विधानसभा भोजपुर का वही क्षेत्र है, जहां विधानसभा चुनाव में भाजपा को सबसे पहले साल 2000 में सफलता मिली थी। तब से अमरेंद्र प्रताप सिंह ने यहां से जीत का चौका लगाया। 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में उन्होंने यहां से पांचवीं बार जीत हासिल की थी।

यह ध्यान देने योग्य है कि पवन सिंह का भोजपुर इलाके में एक बड़ी संख्या में फैन बेस है। भोजपुरी सिनेमा के जरिए उन्होंने आम जनता के बीच गहरी पकड़ बनाई है। यदि एनडीए पवन सिंह को आरा से उम्मीदवार बनाती है, तो यह मुकाबला बेहद रोचक हो सकता है, क्योंकि यह सीट राजनीतिक रूप से हमेशा चर्चा में रही है। भोजपुरी सिनेमा के कलाकारों का राजनीति में आना कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी मनोज तिवारी, रवि किशन और निरहुआ जैसे कलाकारों ने राजनीतिक अखाड़े में सक्रिय रूप से कदम रखा है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि पवन सिंह की राजनीति में एंट्री ने बिहार की राजनीतिक परिदृश्य में एक नई बहस को जन्म दिया है। भाजपा और कुशवाहा के बीच की यह प्रतिस्पर्धा भविष्य में कई नई दिशा तय कर सकती है।
NationPress
26/11/2025

Frequently Asked Questions

पवन सिंह की उपेंद्र कुशवाहा से मुलाकात का क्या महत्व है?
यह मुलाकात भाजपा और आरएलएम के बीच की राजनीतिक स्थिति को दर्शाती है और आगामी विधानसभा चुनावों में पवन सिंह की भूमिका को उजागर करती है।
क्या पवन सिंह भाजपा में रहेंगे?
हां, पवन सिंह ने स्पष्ट किया है कि वे भाजपा में बने रहेंगे और चुनावों में सक्रिय भूमिका निभाएंगे।
Nation Press