क्या पवन सिंह विवाद वास्तव में राजनीतिक साजिश है?

सारांश
Key Takeaways
- पवन सिंह के करीबी दोस्त सुभाष ने विवाद को राजनीतिक साजिश बताया।
- ज्योति सिंह ने मेंटेनेंस केस दायर किया है।
- सोशल मीडिया पर इस विवाद को फैलाया जा रहा है।
- पवन सिंह की राजनीतिक महत्वाकांक्षाएँ प्रभावित हो रही हैं।
- सुभाष ने पवन के संघर्ष की कहानी को भी साझा किया।
मुंबई, 8 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भोजपुरी के मशहूर अभिनेता पवन सिंह के करीबी दोस्त सुभाष सिंह ने हाल ही में पवन के खिलाफ चल रहे विवाद पर उनका समर्थन करते हुए कहा कि यह एक राजनीतिक साजिश है। उनका मानना है कि इस विवाद के पीछे कुछ लोग पवन सिंह की छवि को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। सुभाष ने पवन के साथ अपने पारिवारिक रिश्ते और वर्षों की दोस्ती का जिक्र करते हुए कहा कि यह पूरा मामला उन्हें बहुत दुखी कर रहा है।
सुभाष ने कहा, "पवन सिंह की राजनीतिक, सार्वजनिक और पारिवारिक जिंदगी हमेशा से अच्छी रही है। एक सच्चा दोस्त चाहता है कि उसका दोस्त तरक्की करे। लेकिन इस विवाद ने पवन की इमेज को नुकसान पहुंचाया है, और इसे देखकर मुझे बहुत दुख हो रहा है।"
उन्होंने कहा, "ज्योति सिंह ने बलिया कोर्ट में एक मेंटेनेंस केस दायर किया है, जो पारिवारिक मामला है। लेकिन इस केस को सोशल मीडिया पर लाना सही नहीं है। इंस्टाग्राम, फेसबुक और ट्विटर जैसे प्लेटफॉर्म पर इस मामले को बड़े पैमाने पर फैलाया जा रहा है, जो परिवार के लिए उचित नहीं है।"
सुभाष ने आगे कहा कि जो लोग पवन सिंह के विरोध में हैं, वे उन्हें प्रतिद्वंद्वी समझकर इस तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। उनका उद्देश्य पवन सिंह की छवि को नुकसान पहुँचाना है ताकि वे उनसे आगे निकल सकें। उन्होंने कहा कि कुछ लोग, जो पवन को भोजपुरी संगीत में नहीं हरा सके, वे इस मामले को हथियार बना रहे हैं।
सुभाष ने इस प्रकरण को राजनीतिक साजिश से जोड़ते हुए कहा कि यह सब पवन सिंह की राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को नुकसान पहुँचाने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ज्योति सिंह ने पवन पर कई आरोप लगाए हैं, लेकिन सवाल यह है कि इतने पुराने मामले को अचानक क्यों याद किया गया है।
उन्होंने कहा, "ज्योति सिंह ने पवन सिंह के साथ जुलाई 2024 से अक्टूबर 2025 तक कोई विवाद नहीं किया था, और यह मामला चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद ही सामने आया है। यह संयोग नहीं बल्कि एक साजिश है, जिससे पवन की राजनीतिक छवि को नुकसान पहुंचे।"
सुभाष ने बताया कि जब पवन सिंह का टिकट आसनसोल से लोकसभा चुनाव 2024 के लिए तय हुआ था, तब भी उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा को रोकने की कोशिश हुई। उन्होंने कहा कि बॉलीवुड, टॉलीवुड और भोजपुरी जैसे इंडस्ट्री के कई कलाकार राजनीति में सक्रिय हैं, लेकिन कहीं भी उनके गाने या निजी जिंदगी को मुद्दा नहीं बनाया जाता। केवल पवन सिंह के मामले को राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।
सुभाष ने पवन सिंह के बचपन और संघर्षों को याद करते हुए कहा कि पवन ने बहुत मेहनत की है। छह साल की उम्र से गाना शुरू कर दिया था और आज एक सफल कलाकार बन गए हैं। उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति की कई सालों की मेहनत से बनी पहचान को एक दिन में नष्ट कर देना बहुत दर्दनाक होता है। अगर वह खुद पवन की जगह होते, तो उन्हें भी ऐसा ही दुख होता। इसलिए इस पूरे मामले को समझदारी से देखना चाहिए।