क्या आपकी पेल्विक मसल्स कमजोर हैं? इन्हें मजबूत करने के लिए अपनाएं ये योगासनों

सारांश
Key Takeaways
- सेतुबंधासन से पेल्विक मसल्स मजबूत होती हैं।
- मलासन कब्ज की समस्या को दूर करता है।
- हनुमानासन से शरीर लचीला बनता है।
- पेल्विक मसल्स का मजबूत होना स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।
- नियमित योगाभ्यास से जीवन की गुणवत्ता में सुधार होता है।
मुंबई, 6 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। आजकल कई महिलाएं पेल्विक मसल्स की कमजोरी का सामना कर रही हैं। मांसपेशियों में यह कमजोरी कई कारणों से हो सकती है, जैसे मोटापा, पेल्विक सर्जरी, कब्ज, खांसी, और बढ़ती उम्र। विशेष रूप से गर्भावस्था और डिलीवरी के समय महिलाओं के पेल्विक मसल्स पर अधिक दबाव पड़ता है, जो कई समस्याओं का कारण बन सकता है।
पेल्विक मसल्स हमारे शरीर के निचले हिस्से में होती हैं, जो आंतरिक अंगों जैसे यूट्रस, वजाइना, ब्लैडर और बाउल को सहारा देती हैं। इन्हें मजबूत बनाना अत्यंत आवश्यक है ताकि ये अंग सही प्रकार से कार्य कर सकें। योगाभ्यास के माध्यम से इन्हें मजबूत किया जा सकता है।
सेतुबंधासन: इसे ब्रिज पोज भी कहा जाता है। इसे करने से पेल्विक मसल्स मजबूत होती हैं और शरीर के निचले हिस्से में खिंचाव आता है। इस आसन में सबसे पहले जमीन पर पीठ के बल लेटना होता है। फिर घुटनों को मोड़कर पैरों को जमीन पर रखें। हाथों की सहायता से पैरों की एड़ियों को पकड़ें। अब धीरे-धीरे कमर और कूल्हे को ऊपर उठाएं, जैसे कि शरीर पुल की तरह बन गया हो। इस स्थिति में 1-2 मिनट रहें और फिर धीरे-धीरे नीचे आएं। इसे 4-5 बार करने से पेल्विक मसल्स मजबूत होती हैं और कमर दर्द भी कम होता है।
मलासन: यह एक सरल योगासन है जो पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों को टोन करता है। इसे करने के लिए दोनों पैरों को मोड़कर नीचे बैठ जाएं। घुटनों के ऊपर हाथ रखकर हथेलियां जोड़ लें। पीठ को सीधा रखें और इस मुद्रा में 2 मिनट तक आराम से बैठें। इस आसन का नियमित अभ्यास करने से कब्ज की समस्या दूर होती है और पेल्विक मसल्स मजबूत बनती हैं।
हनुमानासन: इसे फ्रंट स्प्लिट्स भी कहा जाता है। यह आसन शरीर की लचक बढ़ाने में मदद करता है और खासकर पेल्विक मसल्स को ताकत देता है। इस आसन में पहले घुटनों के बल बैठें। फिर एक पैर को धीरे-धीरे आगे और दूसरे को पीछे की ओर फैलाएं। कोशिश करें कि कूल्हे जमीन से लग जाएं। दोनों हाथ ऊपर उठाकर नमस्कार की मुद्रा बनाएं और 2 मिनट तक इस स्थिति में रहें। इसका अभ्यास करने से पेल्विक मसल्स मजबूत होती हैं और शरीर लचीला बनता है।
यह जानना महत्वपूर्ण है कि पेल्विक मसल्स मूत्र और मल पर नियंत्रण रखने में भी सहायता करती हैं। कमजोर पेल्विक मसल्स से 'प्रोलैप्स' जैसी समस्या उत्पन्न हो सकती है। इसलिए पेल्विक मसल्स को मजबूत रखना आवश्यक है ताकि आप स्वस्थ रह सकें।