क्या पीएम मोदी और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति के बीच फोन पर वार्ता हुई?

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क्या पीएम मोदी और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति के बीच फोन पर वार्ता हुई?

सारांश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शवकत मिर्जियोयेव के बीच फोन पर बातचीत हुई, जिसमें द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति और सांस्कृतिक संबंधों पर चर्चा हुई। इस वार्ता ने भारत और उज्बेकिस्तान के बीच गहरे ऐतिहासिक संबंधों को उजागर किया।

Key Takeaways

  • द्विपक्षीय सहयोग की प्रगति की समीक्षा
  • भारत-उज्बेकिस्तान रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने का संकल्प
  • संस्कृतिक संबंधों का इतिहास
  • भारत के ७९वें स्वतंत्रता दिवस पर शुभकामनाएँ
  • भविष्य में संवाद बनाए रखने की सहमति

नई दिल्ली, १२ अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शवकत मिर्जियोयेव के बीच मंगलवार को एक महत्वपूर्ण फोन वार्ता संपन्न हुई। राष्ट्रपति मिर्जियोयेव ने भारत के ७९वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पीएम मोदी और भारतीय जनता को हार्दिक शुभकामनाएँ और बधाई दी।

इस बातचीत में, दोनों नेताओं ने व्यापार, संपर्क, स्वास्थ्य, प्रौद्योगिकी और जन-से-जन संबंध जैसे कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग की प्रगति की समीक्षा की। इसके साथ ही, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया और भारत तथा मध्य एशिया के बीच प्राचीन संबंधों को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की गई।

प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर साझा करते हुए कहा, “उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शवकत मिर्जियोयेव के साथ एक सार्थक संवाद हुआ। हमने हमारे द्विपक्षीय सहयोग के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में हुई प्रगति की समीक्षा की और भारत–उज्बेकिस्तान रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने के हमारे साझा संकल्प को दोहराया।”

दोनों नेताओं ने संवाद बनाए रखने पर भी सहमति जताई।

भारत और उज्बेकिस्तान के बीच गहरे रिश्ते हैं, जिनकी जड़ें इतिहास में हैं। संस्कृत और पाली साहित्य में काम्बोज का उल्लेख मिलता है, जिसमें वर्तमान उज्बेकिस्तान के कुछ हिस्से भी शामिल हैं। महाभारत में शक जाति का उल्लेख है, जिसने कौरवों के लिए युद्ध किया था। प्राचीन व्यापार मार्ग ‘उत्तरपथ’ उज्बेकिस्तान से होकर गुजरता था और बाद में फ़रगाना, समरकंद और बुखारा जैसे नगर भारतीय व्यापार का केंद्र बन गए।

समरकंद और बुखारा में बसे भारतीय व्यापारी स्थानीय अर्थव्यवस्था का अहम हिस्सा थे। हजारों वर्षों की पारस्परिक यात्रा ने स्थापत्य, नृत्य, संगीत और भोजन में गहरे सांस्कृतिक रिश्ते स्थापित किए। मिर्ज़ा ग़ालिब और अमीर ख़ुसरो जैसे प्रसिद्ध भारतीय, उज्बेक वंश के थे। भारतीय फ़िल्में पारंपरिक रूप से उज्बेकिस्तान में अत्यंत लोकप्रिय रही हैं।

Point of View

क्योंकि इससे द्विपक्षीय सहयोग को नई दिशा मिलेगी।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

पीएम मोदी और उज्बेक राष्ट्रपति के बीच बातचीत का मुख्य उद्देश्य क्या था?
इस बातचीत का मुख्य उद्देश्य द्विपक्षीय सहयोग की प्रगति की समीक्षा करना और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करना था।
उज्बेकिस्तान और भारत के बीच के संबंध कैसे हैं?
भारत और उज्बेकिस्तान के बीच गहरे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध हैं, जो हजारों वर्षों से स्थापित हैं।