क्या 'कांग्रेस का पूरा इकोसिस्टम' मुझ पर टूट पड़ेगा? दरांग से पीएम मोदी का बड़ा जुबानी हमला

सारांश
Key Takeaways
- कांग्रेस पर तीखा हमला
- भूपेन दा का अपमान
- असम की सांस्कृतिक विरासत का सम्मान
- डबल इंजन सरकार की प्राथमिकता
- विकसित भारत का सपना
दरांग (असम), १४ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम के दरांग में रविवार को एक जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि मैं जानता हूँ कि कांग्रेस का पूरा इकोसिस्टम आज मुझ पर टूट पड़ेगा कि मोदी फिर से रोना रोने लगा।
पीएम मोदी ने जनसभा में कहा, "मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने आज मुझे कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष का एक बयान दिखाया। जिस दिन भारत सरकार ने इस देश के महान सपूत और असम के गौरव भूपेन दा हजारिका को भारत रत्न से सम्मानित किया, उसी दिन कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष ने कहा कि मोदी 'नाचने-गाने वालों को' भारत रत्न दे रहा है।"
उन्होंने आगे कहा, "मैं जानता हूँ, कांग्रेस का पूरा इकोसिस्टम आज मुझ पर टूट पड़ेगा कि मोदी फिर से रोना रोने लगा। मेरे लिए तो जनता-जनार्दन ही मेरा भगवान है और मेरे भगवान के पास जाकर मेरी आत्मा की आवाज़ नहीं निकलेगी तो और कहाँ निकलेगी। यही मेरे मालिक हैं, यही मेरे पूजनीय हैं, यही मेरा रिमोट कंट्रोल हैं और कोई मेरा रिमोट कंट्रोल नहीं है।"
उन्होंने कहा, "जब नामदार कामदार को पीटता है और कामदार दर्द से रोता है, तो उसे और भी प्रताड़ित किया जाता है और कहा जाता है कि तुम्हें रोने का भी अधिकार नहीं है। नामदार के सामने कामदार होकर कैसे रो सकते हो? देश की जनता, संगीत प्रेमी, कला प्रेमी और भारत की आत्मा के लिए अपना जीवन देने वाले लोगों को कांग्रेस से पूछना चाहिए कि उन्होंने भूपेन दा का अपमान क्यों किया?"
पीएम मोदी ने कहा, "असम की सांस्कृतिक विरासत का सम्मान, उसका संरक्षण और असम का तेज विकास डबल इंजन सरकार की प्राथमिकता रही है। इस मंच से लगभग ६,५०० करोड़ रुपए की विकास परियोजनाओं का शुभारंभ किया गया है। हमारी डबल इंजन सरकार असम को कनेक्टिविटी और उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवा के केंद्र में बदलने के लिए प्रतिबद्ध है। ये परियोजनाएँ इस विजन को प्राप्त करने के हमारे समर्पण को और सुदृढ़ करेंगी।"
उन्होंने जोर देते हुए कहा, "पूरा देश आज एकजुट होकर, एक 'विकसित भारत' के निर्माण के लिए आगे बढ़ रहा है। विशेषकर हमारे युवा साथी। उनके लिए, 'विकसित भारत' एक सपना भी है और संकल्प भी। इस संकल्प की पूर्ति में हमारे उत्तर पूर्व की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है। २१वीं सदी के २५ वर्ष बीत चुके हैं। अब २१वीं सदी का अगला भाग पूर्व का है, उत्तर पूर्व का है।"