क्या प्रधानमंत्री मोदी ने जी20 समिट में आईएमएफ चीफ क्रिस्टालिना जॉर्जीवा से मुलाकात की?
सारांश
Key Takeaways
- प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात आईएमएफ चीफ से महत्वपूर्ण है।
- भारत और इटली के बीच साझेदारी मजबूत हो रही है।
- आतंकवादी वित्तपोषण के खिलाफ संयुक्त पहल की गई।
- जल संसाधन और नवाचार पर चर्चा की गई।
- एआई के लिए वैश्विक समझौते की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
जोहान्सबर्ग, 23 नवंबर (आईएएमएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी20 लीडर्स समिट के अवसर पर कई देशों के नेताओं के साथ मुलाकात की। उन्होंने रविवार को जोहान्सबर्ग में जी20 समिट के दौरान अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की मैनेजिंग डायरेक्टर क्रिस्टालिना जॉर्जीवा से बातचीत की।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर कहा कि जोहान्सबर्ग में आईएमएफ की मैनेजिंग डायरेक्टर क्रिस्टालिना जॉर्जीवा से उनकी चर्चा हुई।
इसके अलावा, पीएम मोदी ने इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी से भी मुलाकात की। उन्होंने एक्स पर लिखा कि उनके और मेलोनी के बीच एक उत्तम बैठक हुई। भारत-इटली की रणनीतिक साझेदारी लगातार मजबूत हो रही है, जिससे हमारे देशों के लोगों को लाभ मिल रहा है।
उन्होंने यह भी बताया कि भारत और इटली ने आतंकवादी वित्तपोषण से निपटने के लिए एक संयुक्त पहल की घोषणा की है। यह एक आवश्यक और समय पर उठाया गया कदम है, जो आतंकवाद और उसके समर्थक नेटवर्क के खिलाफ मानवता की लड़ाई को मजबूत करेगा। हमने व्यापार, निवेश, रक्षा, नवाचार, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, अंतरिक्ष और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की।
पीएम मोदी ने नीदरलैंड के प्रधानमंत्री डिक शूफ से भी मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच जल संसाधन, नवाचार और प्रौद्योगिकी जैसे मुद्दों पर वार्ता हुई। मोदी ने एक्स पर लिखा, "जोहान्सबर्ग में 'जी-20 शिखर सम्मेलन' के दौरान नीदरलैंड के प्रधानमंत्री डिक शूफ से मुलाकात की। जल संसाधन, नवाचार, प्रौद्योगिकी और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में हमारे देशों के बीच द्विपक्षीय साझेदारी तेजी से बढ़ रही है। हम व्यापार और निवेश संबंधों को और मजबूत बनाने के लिए कार्यरत रहेंगे।"
गौरतलब है कि पीएम मोदी ने जी20 समिट में भाग लिया और अपने तीसरे दिन के दौरान तीसरे सत्र को संबोधित किया। उन्होंने बल दिया कि एआई को वैश्विक भलाई में परिवर्तित करना होगा और इसके लिए पारदर्शिता, मानवीय निगरानी, डिजाइन द्वारा सुरक्षा और दुरुपयोग की रोकथाम के सिद्धांतों पर आधारित वैश्विक समझौते की आवश्यकता है।