क्या पीएम मोदी ने 'मन की बात' में गार्बेज कैफे का जिक्र किया, जहाँ प्लास्टिक कचरा लाने पर मिलता है खाना?

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क्या पीएम मोदी ने 'मन की बात' में गार्बेज कैफे का जिक्र किया, जहाँ प्लास्टिक कचरा लाने पर मिलता है खाना?

सारांश

पीएम मोदी ने 'मन की बात' के 127वें एपिसोड में स्वच्छता अभियानों का जिक्र किया। उन्होंने अंबिकापुर के गार्बेज कैफे और बेंगलुरु में झीलों की सफाई की प्रेरणादायक कहानियों को साझा किया। जानिए कैसे ये प्रयास हमारे समाज को बदल सकते हैं।

Key Takeaways

  • स्वच्छता के लिए सामुदायिक प्रयास महत्वपूर्ण हैं।
  • गार्बेज कैफे एक अनोखी पहल है जो प्लास्टिक कचरे को भोजन में बदलती है।
  • बेंगलुरु में झीलों की सफाई के कार्य ने प्रेरणा दी है।
  • स्थानीय लोगों और कॉरपोरेट्स का सहयोग आवश्यक है।
  • जब ठान लिया जाए, तो बदलाव संभव है।

नई दिल्ली, 26 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आकाशवाणी पर 'मन की बात' कार्यक्रम के 127वें एपिसोड में चर्चा की। इस एपिसोड में पीएम मोदी ने स्वच्छता के महत्व पर जोर दिया।

उन्होंने अंबिकापुर और बेंगलुरु में चल रहे स्वच्छता अभियानों की जानकारी दी। पीएम मोदी ने जिन दो किस्सों का उल्लेख किया, वे अत्यंत प्रेरणादायक हैं।

पीएम मोदी ने कहा, "साथियों, स्वच्छता और इससे जुड़े प्रयासों पर मुझे अनेक संदेश प्राप्त हुए हैं। मैं देश के विभिन्न शहरों की ऐसी कहानियाँ साझा करना चाहता हूँ जो प्रेरणा देती हैं।"

पीएम मोदी ने बताया कि छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में प्लास्टिक कचरा साफ करने के लिए एक अनूठी पहल की गई है। अंबिकापुर में गार्बेज कैफे चलाए जा रहे हैं, जहाँ प्लास्टिक कचरा लाने पर लोगों को भरपेट भोजन दिया जाता है। यदि कोई एक किलो प्लास्टिक लाए, तो उसे दोपहर या रात का खाना मिलता है, जबकि आधा किलो लाने पर नाश्ता प्राप्त होता है। ये कैफे अंबिकापुर म्युनिसिपल कॉरपोरेशन द्वारा संचालित हैं।

इसके अलावा, पीएम मोदी ने बेंगलुरु में झीलों की सफाई के लिए चल रहे अभियान के बारे में बताया, जिसे कपिल शर्मा संचालित कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "साथियों, बेंगलुरु झीलों का शहर है, और कपिल यहाँ झीलों को नया जीवन दे रहे हैं। कपिल की टीम ने बेंगलुरु में 40 कुओं और 6 झीलों को पुनर्जीवित किया है।"

उन्होंने कहा, "खास बात यह है कि कपिल ने अपने मिशन में कॉरपोरेट्स और स्थानीय लोगों को भी शामिल किया है। उनकी संस्था पेड़ लगाने के अभियान से भी जुड़ी है। साथियों, अंबिकापुर और बेंगलुरु ऐसे प्रेरक उदाहरण हैं जो दिखाते हैं कि जब ठान लिया जाए, तो बदलाव संभव है।"

इसके अतिरिक्त, पीएम मोदी ने संस्कृति और भाषा में वीडियो बनाने वाले सोशल मीडिया प्रभावकों की भी सराहना की।

Point of View

यह कहना उचित है कि पीएम मोदी के इन प्रयासों को देखकर यह स्पष्ट है कि जब समुदाय एकजुट होता है, तो सकारात्मक बदलाव संभव है। अंबिकापुर और बेंगलुरु जैसे उदाहरण हमें प्रेरित करते हैं कि हम अपने आस-पास के पर्यावरण को सुधारने के लिए भी कदम उठा सकते हैं।
NationPress
11/12/2025

Frequently Asked Questions

गार्बेज कैफे क्या है?
गार्बेज कैफे एक ऐसा स्थान है जहाँ लोग प्लास्टिक कचरा लाने पर भोजन प्राप्त कर सकते हैं।
बेंगलुरु में स्वच्छता अभियान कौन चला रहा है?
बेंगलुरु में झीलों की सफाई का अभियान कपिल शर्मा के नेतृत्व में चलाया जा रहा है।
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