क्या पीएम मोदी बैराबी-सैरांग रेलवे परियोजना का उद्घाटन करेंगे?

सारांश
Key Takeaways
- बैराबी-सैरांग रेलवे परियोजना मिजोरम को रेल नेटवर्क से जोड़ेगी।
- यह परियोजना 51.38 किलोमीटर लंबी है।
- उद्घाटन 13 सितंबर को होने की संभावना है।
- इसमें 48 सुरंगें और 55 बड़े पुल शामिल हैं।
- यह परियोजना 8,071 करोड़ रुपये की लागत से आकार ले रही है।
आइजोल/गुवाहाटी, 8 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 सितंबर को बैराबी-सैरांग नई रेलवे परियोजना का उद्घाटन कर सकते हैं। मिजोरम में पीएम मोदी की संभावित यात्रा को लेकर तैयारियों में तेजी आई है। अधिकारियों ने सोमवार को इसकी पुष्टि की।
51.38 किलोमीटर लंबी बैराबी (असम के हैलाकांडी जिले के पास)-सैरांग (आइजोल शहर के पास) रेलवे परियोजना गुवाहाटी, अगरतला और ईटानगर के बाद आइजोल को रेलवे से जोड़ने वाला पूर्वोत्तर क्षेत्र का चौथा राजधानी शहर बनाएगी।
पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) के वरिष्ठ अधिकारी, महाप्रबंधक (निर्माण) अरुण कुमार चौधरी के नेतृत्व में इस परियोजना और उद्घाटन की तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए जोरों से काम किया जा रहा है।
एक एनएफआर अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया, "पीएमओ ने अभी तक प्रधानमंत्री की मिजोरम यात्रा और कार्यक्रम को लेकर स्पष्ट जानकारी नहीं दी है। फिर भी, हम उद्घाटन की पूरी तैयारी कर रहे हैं।" संभावित कार्यक्रम के अनुसार, पीएम असम राइफल्स मैदान में एक जनसभा को संबोधित करेंगे और नवनिर्मित सैरांग रेलवे स्टेशन पर रेलवे परियोजना का उद्घाटन करेंगे।
पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (डोनर), जनजातीय मामले, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय सहित कई मंत्रालयों के केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी कार्यक्रमों में शामिल होंगे।
एनएफआर के अधिकारियों ने यह भी बताया कि बैराबी-सैरांग नई रेलवे परियोजना के उद्घाटन के बाद, मिजोरम की राजधानी आइजोल और गुवाहाटी, कोलकाता और दिल्ली को जोड़ने वाली तीन एक्सप्रेस ट्रेनें शुरू की जाएंगी।
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एवं सीईओ सतीश कुमार और एनएफआर के महाप्रबंधक चेतन कुमार श्रीवास्तव पहले ही मिजोरम और रेलवे परियोजना स्थलों का दौरा कर चुके हैं। आइजोल में मुख्यमंत्री लालदुहोमा के साथ कई बैठकें भी हुई हैं।
सीपीआरओ कपिंजल किशोर शर्मा ने कहा था कि रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ने सीएम लालदुहोमा के साथ रेलवे परियोजना एवं पूर्वोत्तर राज्य में रेलवे के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में अन्य पहलों पर चर्चा की थी।
बैराबी-सैरांग नई लाइन रेलवे परियोजना का महत्व इसलिए है क्योंकि यह पूर्वोत्तर में रेल संपर्क को मज़बूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
सीपीआरओ शर्मा ने कहा कि यह ऐतिहासिक परियोजना पहली बार मिजोरम की राजधानी आइजोल को सीधी रेल कनेक्टिविटी प्रदान करेगी, जिससे राज्य राष्ट्रीय रेल नेटवर्क में पूरी तरह से एकीकृत हो जाएगा। इससे व्यापार, पर्यटन, यात्रियों के लिए सुविधाएं बढ़ेंगी और मिजोरम के लोगों का अपनी राजधानी तक रेलगाड़ियों का पहुंचना संभव होगा।
उन्होंने बताया कि यह 51.38 किलोमीटर लंबी परियोजना भारतीय रेलवे का एक इंजीनियरिंग चमत्कार है, जिसकी अनुमानित लागत 8,071 करोड़ रुपये है। इसमें 48 सुरंगें, 55 बड़े पुल और 87 छोटे पुल शामिल हैं।
इसमें पांच रोड ओवर ब्रिज और छह रोड अंडर ब्रिज भी शामिल हैं। इस नई लाइन परियोजना में चार नए स्टेशन - होरटोकी, कावनपुई, मुआलखांग और सैरांग का निर्माण भी किया जा रहा है।
सीपीआरओ शर्मा ने कहा कि चुनौतीपूर्ण भूभाग के बावजूद, एनएफआर ने इस बहुप्रतीक्षित परियोजना को साकार करने के लिए महत्वपूर्ण भौगोलिक और इंजीनियरिंग बाधाओं को पार किया है।