क्या पीएम मोदी ने विपक्ष पर हमला करते हुए कांग्रेस और सपा को डॉ. अंबेडकर को भुलाने का दोषी ठहराया?

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क्या पीएम मोदी ने विपक्ष पर हमला करते हुए कांग्रेस और सपा को डॉ. अंबेडकर को भुलाने का दोषी ठहराया?

सारांश

प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस और सपा पर कड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने डॉ. अंबेडकर को भुलाने का पाप किया है। उन्होंने भाजपा सरकार की महापुरुषों के प्रति सम्मान की नीति की भी चर्चा की। क्या ये बयान राजनीतिक मंथन का संकेत हैं?

Key Takeaways

  • पीएम मोदी ने कांग्रेस और सपा पर डॉ. अंबेडकर को भुलाने का आरोप लगाया।
  • राष्ट्र प्रेरणा स्थल का उद्घाटन किया गया है, जो नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।
  • भाजपा सरकार ने महापुरुषों के प्रति सम्मान की परंपरा शुरू की है।
  • उत्तर प्रदेश विकास के लिए आगे बढ़ रहा है।
  • डबल इंजन सरकार के फायदे यूपी को मिल रहे हैं।

लखनऊ, 25 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र प्रेरणा स्थल के उद्घाटन पर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि कई दशकों तक देश में एक ही परिवार का गुणगान होता रहा। लेकिन भाजपा सरकार ने इस तरह की राजनीति को समाप्त कर हर महापुरुष और उनके योगदान को मान देने की नई परंपरा स्थापित की है। साथ ही, कांग्रेस और सपा ने डॉ. अंबेडकर को भुलाने का पाप किया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस और उनके सहयोगियों ने राजनीतिक रूप से भाजपा को ‘अछूत’ बनाकर रखा, जबकि भाजपा के संस्कार सभी का सम्मान करना सिखाते हैं। उन्होंने बताया कि एनडीए सरकार ने प्रणव मुखर्जी और नरसिम्हा राव को भारत रत्न दिया, और मुलायम सिंह यादव तथा तरुण गोगोई जैसे नेताओं को भी राष्ट्रीय सम्मानों से नवाजा गया। यह वही सोच है, जो देश को एकजुट करती है, न कि परिवारवाद को बढ़ावा देती है।

पीएम मोदी ने डॉ. भीमराव अंबेडकर के मुद्दे पर कांग्रेस और सपा को घेरते हुए कहा कि दिल्ली के एक ‘शाही परिवार’ ने जानबूझकर अंबेडकर का उल्लेख नहीं किया, ताकि उनके महत्व में कोई कमी न आए। प्रदेश में यही कार्य सपा ने किया। उन्होंने आरोप लगाया कि इन दलों ने संविधान निर्माता को वह सम्मान नहीं दिया, जिसके वे हकदार थे, जबकि भाजपा सरकार ने उनकी विरासत को संरक्षित और सम्मानित किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज दिल्ली के कर्तव्य पथ पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की भव्य प्रतिमा स्थापित है और अंडमान-निकोबार में जहां उन्होंने तिरंगा फहराया था, वहां भी उनकी प्रतिमा स्थापित की गई है। यह बदलाव उस सोच का प्रतीक है, जिसमें देश के हर नायक को उनका उचित स्थान दिया जा रहा है।

राष्ट्र प्रेरणा स्थल का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने बताया कि 65 एकड़ क्षेत्र में 230 करोड़ रुपए की लागत से बने इस स्थल पर डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 65-65 फीट ऊंची प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं। प्रत्येक प्रतिमा का वजन लगभग 42 टन है। उन्होंने कहा कि यह स्थल नई पीढ़ी के लिए राष्ट्रसेवा और प्रेरणा का केंद्र बनेगा।

प्रधानमंत्री ने लखनऊ और उत्तर प्रदेश की भूमिका पर चर्चा करते हुए कहा कि यूपी अब विकास और सुशासन के लिए पहचाना जा रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि डबल इंजन सरकार ने उत्तर प्रदेश को बड़ा लाभ प्रदान किया है। अयोध्या में भव्य राम मंदिर, काशी विश्वनाथ धाम और राष्ट्र प्रेरणा स्थल जैसे परियोजनाएं यूपी को पर्यटन और विकास के वैश्विक मानचित्र पर नई पहचान दिला रही हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि 21वीं सदी के भारत में उत्तर प्रदेश नई ऊंचाइयों को छुएगा।

Point of View

यह स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री मोदी का बयान एक महत्वपूर्ण राजनीतिक संदर्भ में है। यह न केवल कांग्रेस और सपा की भूमिका को उजागर करता है, बल्कि भाजपा की महापुरुषों के प्रति सम्मान की नीति को भी दर्शाता है।
NationPress
25/12/2025

Frequently Asked Questions

पीएम मोदी ने कौन-कौन से महापुरुषों का उल्लेख किया?
प्रधानमंत्री मोदी ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय और अटल बिहारी वाजपेयी का उल्लेख किया।
राष्ट्र प्रेरणा स्थल की खासियत क्या है?
राष्ट्र प्रेरणा स्थल 65 एकड़ में फैला है और इसमें 230 करोड़ रुपए की लागत से बने महापुरुषों की भव्य प्रतिमाएं स्थापित हैं।
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