क्या वर्षों बाद भी कार्यकर्ताओं को याद रखते हैं पीएम मोदी? शिवराज सिंह चौहान ने शेयर किया पुराना किस्सा

सारांश
Key Takeaways
- प्रधानमंत्री मोदी कार्यकर्ताओं को याद रखते हैं।
- उनका सम्मान और स्नेह कार्यकर्ताओं के प्रति अद्वितीय है।
- शिवराज सिंह चौहान ने इस किस्से को साझा कर पीएम मोदी की संवेदनशीलता को उजागर किया।
- एक नेता का कार्यकर्ताओं के प्रति आदर उनके व्यक्तित्व को दर्शाता है।
- यह घटना हमें प्रेरित करती है कि हम भी अपने योगदान को पहचानें।
नई दिल्ली, 15 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने जन्मदिन पर 17 सितंबर को मध्य प्रदेश के दौरे पर रहेंगे। इससे पहले केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पीएम मोदी से जुड़े एक पुरानी किस्से को साझा किया है। उन्होंने एक वीडियो भी साझा किया है।
शिवराज सिंह चौहान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर 'मोदी स्टोरी' पेज के एक वीडियो को साझा किया है। शिवराज सिंह ने वीडियो के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के किस्से के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि जब नरेंद्र मोदी भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री थे, तब वे अक्सर मध्य प्रदेश आया करते थे। उन्होंने पूरे प्रदेश का व्यापक दौरा किया और असंख्य कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। उनकी सबसे बड़ी विशेषता यह रही कि वर्षों बाद भी वे उन कार्यकर्ताओं को याद रखते हैं, उनके बारे में पूछते हैं और उनके योगदान को सम्मान देते हैं।
उन्होंने कहा कि मुझे उनका एक प्रसंग हमेशा याद रहता है। एक बार मोदी ने मुझसे लक्ष्मी नारायण गुप्ता के बारे में पूछा, जो कभी मंत्री भी रहे थे। बाद में जब मोदी भोपाल में एक कार्यक्रम में आए तो मैंने उनसे अनुरोध किया कि वे लक्ष्मी नारायण गुप्ता से मिलें तो उन्होंने तुरंत सहमति दे दी।
शिवराज सिंह ने कहा कि हमने लक्ष्मी नारायण को मोदी से मिलने के लिए आमंत्रित किया। हमें लगा था कि प्रधानमंत्री मोदी उनसे बस हालचाल पूछेंगे और आगे बढ़ जाएंगे, लेकिन जो हुआ, उसने सबको भावुक कर दिया। जैसे ही पीएम मोदी वहां पहुंचे, उन्होंने सबसे पहले झुककर लक्ष्मी नारायण के चरण छुए। वह दृश्य अत्यंत भावुक कर देने वाला था। भारत के प्रधानमंत्री एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम में शामिल होने आए थे और फिर भी उन्होंने पार्टी के एक वरिष्ठ कार्यकर्ता के प्रति इतना सम्मान प्रकट किया। इससे साफ दिखता है कि पीएम मोदी पार्टी के विस्तार में योगदान देने वालों को कितनी श्रद्धा और मान देते हैं।
उन्होंने कहा कि जब मोदी उनसे मिले तो लक्ष्मी नारायण भी भावुक हो गए। पीएम मोदी ने धैर्यपूर्वक उनकी बातें सुनीं। चूंकि लक्ष्मी नारायण को ठीक से सुनाई नहीं देता था, इसलिए मोदी ने ऊंची आवाज में उनसे बातचीत की ताकि वे सब समझ सकें। उनसे आत्मीय वार्तालाप करने के बाद ही पीएम मोदी मंच की ओर बढ़े।
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि उस मुलाकात के कुछ दिन बाद ही लक्ष्मी नारायण का निधन हो गया। ऐसा लगा मानो वे केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से एक बार मिलने के इंतजार में थे। इस घटना ने मेरे मन में एक गहरी छाप छोड़ी।