क्या आतंकवाद पर पीएम मोदी की जीरो टॉलरेंस नीति है? : गुलाम अली खटाना

सारांश
Key Takeaways
- पीएम मोदी की जीरो टॉलरेंस नीति आतंकवाद के खिलाफ है।
- सेना की कार्रवाई में आम जनता की सुरक्षा का ध्यान रखा जाता है।
- पाकिस्तान की गतिविधियों का जवाब भारतीय सेना ने दिया है।
- भारत विकास की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
- विपक्षी दल संसद के कामकाज में बाधा डाल रहे हैं।
नई दिल्ली, 3 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। जम्मू-कश्मीर में हाल ही में आतंकवादियों के खिलाफ की गई सेना की कार्रवाई और 'ऑपरेशन महादेव' के संदर्भ में राज्यसभा सांसद गुलाम अली खटाना ने कहा कि पीएम मोदी की आतंकवाद संबंधी नीति जीरो टॉलरेंस है।
गुलाम अली खटाना ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में आतंकवादियों पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है। आतंकवाद के प्रति केंद्र सरकार की नीति जीरो टॉलरेंस है। जम्मू-कश्मीर की पुलिस और सेना का आतंकियों के सफाए के साथ यह भी ध्यान रहता है कि इस कार्रवाई में आम जनता को कोई नुकसान न पहुंचे। यह सेना के लिए एक चुनौतिपूर्ण कार्य होता है।
उन्होंने कहा कि पिछले 35-40 वर्षों में पाकिस्तानी जनरलों ने प्रगति नहीं की, बल्कि कब्रिस्तान बनाए हैं। उन्होंने अनाथ और विधवा पैदा की हैं। वर्तमान में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने गांवों, स्कूलों और बागों का विकास किया है। भारत अब विकास की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि पाकिस्तान ने हमारे लोगों को मारा है, जिसका जवाब भारतीय सेना ने बड़े साहस के साथ दिया।
बिहार एसआईआर पर राज्यसभा सांसद गुलाम अली खटाना ने कहा कि आप किसी बड़े समुदाय को, चाहे वह अल्पसंख्यक हो, दलित हो या पिछड़ा वर्ग, विकास से वंचित नहीं कर सकते। स्टार्ट-अप और स्टैंड-अप जैसी पहलों के जरिए भारत के वैश्विक शक्ति बनने में वे भी योगदान देना चाहते हैं। जहां तक एसआईआर का मामला है, वह न्यायालय में विचाराधीन है।
संसद सत्र पर उन्होंने कहा कि संसद ऐसा प्लेटफॉर्म होता है, जिसके माध्यम से महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होती है। लेकिन विपक्षी दल संसद को चलने नहीं दे रहे हैं।