क्या पीएम मोदी का स्वदेशी और स्वच्छता पर जोर हमें प्रेरित करेगा?

सारांश
Key Takeaways
- स्वदेशी को अपनाने का संदेश
- स्वच्छता को महत्व देना
- त्योहारों में स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग
- आत्मनिर्भरता का समर्थन
- युवाओं को प्रेरित करना
नई दिल्ली, 31 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के 125वें एपिसोड में देशवासियों को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने गणेशोत्सव और आगामी त्योहारों की शुभकामनाएं दीं। साथ ही, स्वदेशी को अपनाने और स्वच्छता को बढ़ावा देने पर विशेष बल दिया।
पीएम मोदी का यह संबोधन देशवासियों में उत्साह का संचार करता है और त्योहारी सीजन में स्वदेशी के प्रति जागरूकता बढ़ाने का संदेश देता है।
उन्होंने बताया कि इस समय देश में गणेशोत्सव की धूम मची हुई है और आने वाले दिनों में विभिन्न त्योहारों की रौनक देखने को मिलेगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों से यह अपील की कि इन त्योहारों में स्वदेशी को प्राथमिकता दें। उन्होंने कहा, "उपहार वही हो, जो भारत में बना हो, पहनावा वही हो, जो भारत में बुना हो, सजावट वही हो, जो भारतीय सामान से हो, और रोशनी वही हो, जो भारत में बनी झालरों से हो।"
जीवन की हर आवश्यकता में स्वदेशी अपनाने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा, "गर्व से कहो, ये स्वदेशी है।" उन्होंने 'वोकल फॉर लोकल' के मंत्र को दोहराया और 'आत्मनिर्भर भारत' को 'विकसित भारत' की दिशा में एकमात्र रास्ता बताया। उन्होंने कहा, "स्वदेशी अपनाना न केवल आर्थिक आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देता है, बल्कि देश की सांस्कृतिक पहचान को भी मजबूत करता है।"
इसके साथ ही, पीएम मोदी ने स्वच्छता अभियान पर बल देते हुए कहा कि स्वच्छ भारत मिशन को जन-जन तक पहुंचाने की आवश्यकता है। उन्होंने देशवासियों से अपील की कि वे अपने आसपास के क्षेत्रों को स्वच्छ रखें और इस अभियान को एक जन आंदोलन बनाएं।
उन्होंने कहा कि स्वच्छता और स्वदेशी दोनों ही आत्मनिर्भर और विकसित भारत के आधार हैं। उन्होंने युवाओं से विशेष रूप से प्रेरणा लेने और इन लक्ष्यों को हासिल करने में योगदान देने का आह्वान किया।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर भी 'मन की बात' कार्यक्रम का एक छोटा वीडियो साझा किया और लिखा, 'गर्व से कहो ये स्वदेशी है।'