क्या पीएम मोदी ने घाना के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और स्पीकर को भारतीय कला से जुड़े गिफ्ट दिए?

सारांश
Key Takeaways
- भारतीय कला का समृद्ध इतिहास
- घाना के साथ द्विपक्षीय संबंधों का विकास
- संस्कृति का वैश्विक प्रचार
- उपहारों के माध्यम से विरासत का संदेश
- कला और कारीगरी का महत्व
नई दिल्ली, 3 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पांच देशों के दौरे की शुरुआत घाना की ऐतिहासिक यात्रा से की। पीएम मोदी ने घाना के राष्ट्रपति, उनकी पत्नी, उपराष्ट्रपति और स्पीकर को विशेष उपहार भेंट किए। ये उपहार भारतीय कला-संस्कृति से गहरे जुड़े हुए हैं और इनसे भारत की कला, कारीगरी और विरासत का संदेश वहां के लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया गया है।
राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा को पीएम मोदी ने एक सुंदर फूलदान और उनकी पत्नी को चांदी का पर्स भेंट किया। इसके अतिरिक्त, उपराष्ट्रपति प्रोफेसर नाना जेन ओपोकु-अग्येमांग को कश्मीरी पश्मीना शॉल और स्पीकर अल्बन बैगबिन को हाथी अंबावरी उपहार में दी गई।
पीएम मोदी ने राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा को बिदरी कलाकृति से सजाए गए फूलदान भेंट किए, जो कर्नाटक के बीदर के कारीगरों द्वारा तैयार किए जाते हैं। यह भारत के प्रसिद्ध धातु शिल्प को दर्शाती है, जो अपनी आकर्षक काली फिनिश और बेहतरीन चांदी की जड़ाई के लिए जानी जाती है।
इसके साथ ही, लॉर्डिना महामा को उपहार में दिया गया चांदी का पर्स, ओडिशा के कटक का एक अद्भुत सिल्वर फिलिग्री वर्क है। यह 500 वर्षों से अधिक पुरानी परंपरा का उत्कृष्ट उदाहरण है।
प्रधानमंत्री मोदी ने घाना के उपराष्ट्रपति को कश्मीर की पश्मीना शॉल भी भेंट की, जो अपनी असाधारण कोमलता और गर्माहट के लिए मशहूर है।
अल्बन बैगबिन को दिए गए हाथी अंबावरी शाही परंपरा और भारत की समृद्ध कलात्मक विरासत का प्रतीक है। यह कृति पर्यावरण के अनुकूल सिंथेटिक हाथीदांत से बनाई गई है।