क्या पीएम मोदी ने शिबू सोरेन के निधन पर दुख व्यक्त किया, हेमंत सोरेन से बात की?

सारांश
Key Takeaways
- शिबू सोरेन का निधन झारखंड के लिए एक बड़ी क्षति है।
- उन्होंने आदिवासी अधिकारों के लिए लंबी लड़ाई लड़ी।
- पीएम मोदी ने उनके योगदान को सराहा।
- वे तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री बने।
- उनका जन्म 11 जनवरी 1944 को हुआ था।
नई दिल्ली, 4 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के संस्थापक शिबू सोरेन का सोमवार को दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार थे। उनके निधन से राजनीतिक क्षेत्र में शोक की लहर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिबू सोरेन के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया और उनके पुत्र व झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से फोन पर बात कर संवेदना प्रकट की।
पीएम मोदी ने इस बातचीत की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा की।
मोदी ने पोस्ट में लिखा, "शिबू सोरेन एक जमीनी नेता थे, जिन्होंने जनता के प्रति अटूट समर्पण के साथ सार्वजनिक जीवन में ऊंचाइयों को छुआ। वे आदिवासी समुदायों, गरीबों और वंचितों के सशक्तिकरण के लिए विशेष रूप से समर्पित थे। उनके निधन से दुख हुआ। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से बात की और संवेदना व्यक्त की।"
शिबू सोरेन के निधन की खबर मिलते ही झारखंड में शोक की लहर दौड़ गई। विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है। शिबू सोरेन का पूरा राजनीतिक जीवन आदिवासी अधिकारों, सामाजिक न्याय और क्षेत्रीय पहचान की लड़ाई को समर्पित रहा। उन्होंने झारखंड राज्य के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और आदिवासी समाज की आवाज को संसद तक पहुंचाया।
शिबू सोरेन का जन्म बिहार के हजारीबाग में 11 जनवरी 1944 को हुआ था। उन्हें दिशोम गुरु और गुरुजी के नाम से जाना जाता है। उन्होंने आदिवासियों के शोषण के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ी। 1977 में उन्होंने पहली बार चुनाव लड़ा था, लेकिन हार का सामना करना पड़ा। फिर भी, 1980 से वे लगातार कई बार सांसद चुने गए।
बिहार से अलग राज्य झारखंड बनाने के आंदोलन में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। वे तीन बार (2005, 2008, 2009) झारखंड के मुख्यमंत्री बने, लेकिन एक बार भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके।