क्या पीएम मोदी ने भारत की समृद्ध संस्कृतिक विरासत और धरोहर के संरक्षण-संवर्धन को प्राथमिकता दी है?
सारांश
Key Takeaways
- प्रधानमंत्री मोदी ने सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण को प्राथमिकता दी है।
- वाराणसी का विकास श्रद्धालुओं के लिए महत्वपूर्ण बना है।
- महाकाल मंदिर का विकास उज्जैन में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ा रहा है।
- भारत की संस्कृति को वैश्विक पहचान मिली है।
- सरकार ने धार्मिक स्थलों के चौतरफा विकास की योजना बनाई है।
नई दिल्ली, 17 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की समृद्ध संस्कृतिक, विरासत और धरोहर के संरक्षण और संवर्धन को हमेशा अपनी प्राथमिकता में सबसे ऊपर रखा है। उन्होंने बुधवार को एक कार्यक्रम में इस बात की पुष्टि की।
मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण पहलों को लागू किया, जिसके परिणामस्वरूप भारतीय संस्कृति और विरासत को वैश्विक स्तर पर एक नई पहचान मिली है। आज की तारीख में, पूरी दुनिया में भारतीय संस्कृति को एक नई पहचान मिली है और इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है, जिन्होंने इस दिशा में कई अद्वितीय कार्य किए हैं, जिन्हें शब्दों में नहीं कहा जा सकता।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री के शासन में वाराणसी एक प्रमुख धार्मिक तीर्थस्थल के रूप में उभरा है, जहाँ श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है। अब यहाँ केवल भारतीय ही नहीं, बल्कि विश्व के विभिन्न देशों से श्रद्धालु आते हैं। पहले श्रद्धालुओं को वाराणसी की संकीर्ण गलियों में मंदिरों का भ्रमण करना पड़ता था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहाँ के पुनरुद्धार के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिसके कारण आज वाराणसी को एक नई पहचान मिली है। अब मंदिरों और गंगा के बीच का मार्ग सुगम हो गया है।
उन्होंने कहा कि वाराणसी आने वाले श्रद्धालुओं को अब आत्मिक आनंद की अनुभूति होती है। यहाँ विकास की लहर बह रही है और यह आस्था का एक प्रमुख केंद्र बन गया है। यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़ता।
मंत्री ने यह भी कहा कि वर्तमान में उज्जैन का महाकाल मंदिर भी एक महत्वपूर्ण आस्था केंद्र के रूप में उभर रहा है। इस मंदिर के विकास के लिए केंद्र सरकार ने कई प्रशंसनीय कार्य किए हैं। इसके परिणामस्वरूप, यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं को अब कोई कठिनाई नहीं होती है। केंद्र सरकार ने सुनिश्चित किया है कि सभी धार्मिक स्थलों पर चौतरफा विकास हो।
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि महाकाल की भूमि उज्जैन में श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि दर्ज की गई है। यहाँ आने वाले लोग महाकाल मंदिर के चित्रों के माध्यम से इसके महत्व को समझते हैं। अगर हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासनकाल में आस्था से संबंधित स्थलों के विकास को देखें, तो यह स्पष्ट है कि उन्होंने इस दिशा में कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं, जिससे भारत को न केवल देश में बल्कि वैश्विक मंच पर भी नई पहचान मिली है।