क्या पीएम मोदी और ट्रंप की फोन पर बातचीत से भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी में होगा सुधार?

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क्या पीएम मोदी और ट्रंप की फोन पर बातचीत से भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी में होगा सुधार?

सारांश

भारत और अमेरिका के बीच हाल में पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच फोन पर बातचीत हुई। इस बातचीत में दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों, टैरिफ और द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की गई। भारतीय नेताओं ने इसे सकारात्मक संकेत माना है। क्या यह बातचीत भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करेगी?

Key Takeaways

  • भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों में सुधार की आवश्यकता है।
  • टैरिफ के मुद्दे पर गलतफहमियाँ दूर करने की कोशिशें जारी हैं।
  • दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों की मजबूती पर जोर दिया।

नई दिल्ली, 12 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिका और भारत के व्यापारिक संबंधों में हाल के दिनों में महत्वपूर्ण परिवर्तन देखने को मिले हैं। इसका मुख्य कारण अमेरिका सरकार द्वारा टैरिफ के मुद्दे पर उठाए गए कदम हैं। इसके बावजूद, दोनों पक्षों की ओर से प्रयास जारी हैं। हाल ही में, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच फोन पर बातचीत हुई। कई भारतीय नेताओं का कहना है कि यह एक सकारात्मक संकेत है।

इस बातचीत में दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा की। भाजपा सांसद शशांक मणि त्रिपाठी ने राष्ट्र प्रेस के साथ बातचीत में कहा, "दोनों देश मित्र हैं। यह सही है कि टैरिफ और अन्य मुद्दों के कारण कुछ गलतफहमियाँ उत्पन्न हुई हैं। अगर दोनों देशों के बीच एक अच्छा व्यापार समझौता होता है, तो सभी को लाभ होगा। इससे हमारी अर्थव्यवस्था को सहायता मिलेगी और महंगाई भी घटेगी। यह एक सकारात्मक संकेत है।"

भाजपा सांसद राजकुमार चाहर ने कहा, "भारत और उसके 140 करोड़ नागरिकों के हित में जो भी निर्णय लिया जाता है, वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जाता है। चाहे वह ट्रंप हों या पुतिन, मोदी हमेशा ऐसे फैसले लेते हैं जो भारत के लिए फायदेमंद हों।"

शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, "यह अच्छी बात है कि अमेरिका और भारत, दो बड़े लोकतंत्र, अपने संबंधों को सुदृढ़ कर रहे हैं। दोनों देशों के लिए एक ट्रेड एग्रीमेंट को अंतिम रूप देना आवश्यक है। अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ चिंताजनक हैं, भले ही दोनों देशों के नेताओं के बीच अच्छे संबंध हों। मुझे आशा है कि निरंतर बातचीत से जल्द ही कोई समाधान निकलेगा और जो व्यापार समझौता बाकी है, उसे जल्द लागू किया जाएगा।"

टीडीपी सांसद लवू श्रीकृष्ण देवरायलु ने कहा, "अगर हम आपसी प्रशंसा की बात करें, तो पहले हमें अपने आत्मसम्मान और देश की उम्मीदों को प्राथमिकता देनी होगी। यह स्पष्ट है कि अमेरिका भारत के साथ संबंध मजबूत करना चाहता है, क्योंकि भारत एक बड़ा और बढ़ता हुआ बाजार है। हाल के आंकड़े बताते हैं कि हम 8.2 प्रतिशत की दर से बढ़ रहे हैं। अमेरिका भारतीय बाजार में प्रवेश चाहता है और भारत की सेवा उद्योग भी अमेरिकी उद्योग का समर्थन करती है। यह दोनों देशों के लिए जीत की स्थिति होनी चाहिए, लेकिन यह सहयोग समानता की शर्तों पर होना चाहिए।"

पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप ने बातचीत के दौरान आपसी व्यापार को बढ़ाने के लिए साझा प्रयासों की गति बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया।

इस बातचीत की जानकारी देते हुए, पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया, "राष्ट्रपति ट्रंप के साथ बहुत अच्छी और दिलचस्प बातचीत हुई। हमने अपने द्विपक्षीय संबंधों में हुए विकास की समीक्षा की और क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय विकास पर चर्चा की। भारत और अमेरिका वैश्विक शांति, स्थिरता और खुशहाली के लिए मिलकर काम करते रहेंगे।"

—राष्ट्र प्रेस

केके/डीएससी

Point of View

यह स्पष्ट है कि भारत और अमेरिका के बीच यह बातचीत हमारे देश की अर्थव्यवस्था और वैश्विक स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है। दोनों देशों के नेताओं के बीच सहयोग से न केवल द्विपक्षीय संबंध मजबूत होंगे, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी शांति और समृद्धि को बढ़ावा मिलेगा।
NationPress
12/12/2025

Frequently Asked Questions

भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ के मुद्दे पर क्या चर्चा हुई?
इस बातचीत में टैरिफ से संबंधित गलतफहमियों को सुलझाने और व्यापार समझौते पर ध्यान केंद्रित किया गया।
क्या यह बातचीत भारत-अमेरिका संबंधों को प्रभावित करेगी?
कई भारतीय नेताओं का मानना है कि यह बातचीत सकारात्मक संकेत है और इससे दोनों देशों के संबंध मजबूत होंगे।
पीएम मोदी ने इस बातचीत के बारे में क्या कहा?
पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप के साथ द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की और वैश्विक शांति पर चर्चा की।
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