क्या पीएम मोदी की ब्रिटेन और मालदीव यात्रा से ठोस परिणाम मिलेंगे?

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क्या पीएम मोदी की ब्रिटेन और मालदीव यात्रा से ठोस परिणाम मिलेंगे?

सारांश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिटेन और मालदीव की यात्रा शुरू की है। यह यात्रा दोनों देशों के बीच के संबंधों को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है। क्या यह यात्रा ठोस परिणाम लेकर आएगी? जानें इस यात्रा की विशेषताएँ और संभावित प्रभाव।

Key Takeaways

  • प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा से द्विपक्षीय संबंधों में मजबूती आएगी।
  • भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापार और निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
  • मालदीव के 60वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भागीदारी।
  • भारत की ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति को और बल मिलेगा।
  • द्विपक्षीय बैठक में आर्थिक साझेदारी पर चर्चा।

नई दिल्ली, 23 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को ब्रिटेन (यूके) और मालदीव के लिए अपनी द्विपक्षीय यात्रा शुरू की। उन्होंने कहा कि यह यात्रा दोनों देशों के रिश्तों को और दृढ़ करेगी और इसके ठोस परिणाम देखने को मिलेंगे।

प्रधानमंत्री की ब्रिटेन यात्रा 23-24 जुलाई के बीच होगी, जो कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के आमंत्रण पर हो रही है। यह पीएम मोदी की चौथी यात्रा है।

यात्रा से पहले दिए गए बयान में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “भारत और ब्रिटेन के बीच एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी है, जिसने हाल के वर्षों में उल्लेखनीय प्रगति की है। हमारा सहयोग व्यापार, निवेश, प्रौद्योगिकी, नवाचार, रक्षा, शिक्षा, अनुसंधान, सतत विकास, स्वास्थ्य और लोगों के बीच संबंधों जैसे कई क्षेत्रों में फैला हुआ है।”

उन्होंने बताया कि वह प्रधानमंत्री स्टार्मर के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे, जिसमें दोनों देशों के आर्थिक साझेदारी को और मजबूत करने पर चर्चा की जाएगी, ताकि समृद्धि, विकास और रोजगार सृजन को बढ़ावा मिल सके।

पीएम मोदी ने कहा कि वह ब्रिटेन के किंग चार्ल्स तृतीय से भी मुलाकात करेंगे।

इसके पश्चात, प्रधानमंत्री 25-26 जुलाई को मालदीव की राजकीय यात्रा पर जाएंगे, जो कि मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के आमंत्रण पर हो रही है। यह पीएम मोदी की मालदीव की तीसरी यात्रा है और राष्ट्रपति मुइज्जू के कार्यकाल में किसी भी राष्ट्राध्यक्ष की यह पहली आधिकारिक यात्रा होगी।

इस यात्रा का विशेष महत्व है, क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी 26 जुलाई को मालदीव के 60वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्य अतिथि होंगे। इसके साथ ही, इस वर्ष भारत और मालदीव के बीच राजनयिक संबंधों की 60वीं वर्षगांठ भी मनाई जा रही है।

यह यात्रा भारत की ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति और ‘विजन महासागर’ के अंतर्गत समुद्री पड़ोसियों के साथ संबंधों को मजबूत करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

उन्होंने कहा कि वह राष्ट्रपति मुइज्जू और अन्य राजनीतिक नेताओं से मुलाकात के लिए उत्सुक हैं, ताकि दोनों देशों के बीच आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी को और आगे बढ़ाया जा सके और हिंद महासागर क्षेत्र में शांति, समृद्धि और स्थिरता के लिए सहयोग को मजबूत किया जा सके।

प्रधानमंत्री मोदी ने विश्वास व्यक्त किया कि यह यात्रा दोनों देशों के लोगों के लिए लाभकारी होगी और भारत की ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति को मजबूती प्रदान करेगी।

Point of View

जो पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को मजबूत करने की दिशा में कार्य कर रही है। पीएम मोदी की ये पहल निश्चित रूप से भारत और मालदीव के बीच सहयोग को बढ़ावा देगी और लंबे समय तक लाभकारी सिद्ध होगी।
NationPress
23/07/2025

Frequently Asked Questions

पीएम मोदी की यात्रा का मुख्य उद्देश्य क्या है?
यात्रा का मुख्य उद्देश्य भारत और ब्रिटेन तथा मालदीव के बीच संबंधों को और मजबूत करना है।
पीएम मोदी कब तक ब्रिटेन में रहेंगे?
पीएम मोदी की ब्रिटेन यात्रा 23-24 जुलाई के बीच होगी।
मालदीव यात्रा का खास महत्व क्या है?
मालदीव यात्रा का महत्व इस साल मालदीव के 60वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेना है।