क्या प्रधानमंत्री जन धन योजना ने जन-साधारण के वित्तीय समावेशन और सशक्तिकरण में 11 वर्ष पूरे किए?

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क्या प्रधानमंत्री जन धन योजना ने जन-साधारण के वित्तीय समावेशन और सशक्तिकरण में 11 वर्ष पूरे किए?

सारांश

प्रधानमंत्री जन धन योजना ने देश के करोड़ों लोगों को सम्मानजनक जीवन प्रदान किया है। इस योजना ने महिलाओं, युवाओं और हाशिए पर पड़े समुदायों को वित्तीय समावेशन का अवसर दिया है। जानें कैसे पीएमजेडीवाई ने भारत की आर्थिक प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

Key Takeaways

  • प्रधानमंत्री जन धन योजना ने 55.90 करोड़ बैंक खाते खोले हैं।
  • महिलाओं के लिए 30.37 करोड़ खाते खोले गए हैं।
  • डीबीटी के तहत 25 लाख करोड़ की राशि हस्तांतरित की गई है।
  • योजना ने 2047 तक विकसित भारत के लिए मजबूत नींव रखी है।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं की पहुंच को बढ़ाया गया है।

नई दिल्ली, 1 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। आज भारत में लगभग हर व्यक्ति के पास बैंक खाता होना सामान्य बात है। लेकिन आजादी के 65 वर्ष बाद, लगभग एक दशक पहले तक, देश के लगभग आधे परिवारों के लिए बैंकिंग सेवाओं तक पहुंच एक सपना ही था।

गरीब और वंचित वर्ग, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में, औपचारिक बैंकिंग प्रणाली से दूर थे। इसके परिणामस्वरूप, उनके पास अपनी बचत को घर पर रखने और ऊंची ब्याज दरों पर ऋण लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। इस वित्तीय सुरक्षा की कमी ने उन्हें एक बेहतर भविष्य की कल्पना करने से भी रोका। एक पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा था कि गरीबों के लिए निर्धारित 100 पैसे में से केवल 15 पैसे ही असली लाभार्थियों तक पहुंचते हैं, जबकि बाकी 85 पैसे बिचौलियों द्वारा हड़प लिए जाते हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2014 में शुरू की गई प्रधानमंत्री जन-धन योजना (पीएमजेडीवाई), जो विश्व की सबसे बड़ी वित्तीय समावेशन योजना बन गई, ने एक क्रांतिकारी बदलाव लाया है। 28 अगस्त 2025 को यह योजना अपनी 11वीं वर्षगांठ मनाएगी। इस योजना ने देश के करोड़ों लोगों, विशेषकर महिलाओं, युवाओं और हाशिए पर पड़े समुदायों को सम्मानजनक जीवन प्रदान किया है।

प्रत्यक्ष लाभ अंतरण, पीएम-किसान, मनरेगा में बढ़ी मजदूरी और बीमा कवर जैसी जन-केंद्रित योजनाओं के आधार पर, पीएमजेडीवाई ने 55.90 करोड़ से अधिक बैंक खाते खोले हैं। इनमें से 67 प्रतिशत खाते ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में हैं। जन-धन खातों ने बचत और डिजिटल लेनदेन की आदतों को प्रोत्साहित किया है, जिससे जमा राशि अब 2.63 लाख करोड़ रुपए हो गई है।

पीएमजेडीवाई ने जीरो बैलेंस खाता, निःशुल्क रुपे कार्ड पर 2 लाख रुपए का दुर्घटना बीमा और 10,000 रुपए की ओवरड्राफ्ट सुविधा जैसी सेवाओं के जरिए कमजोर वर्गों और निम्न-आय समूहों को सशक्त किया है। अटल पेंशन योजना (एपीवाई) में भारी वृद्धि के साथ नामांकन जनवरी 2025 तक 7.33 करोड़ तक पहुंच गया है। प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना में 22.52 करोड़ नामांकन हुए हैं, जिनमें 8.8 लाख दावों पर 17,600 करोड़ वितरित किए गए हैं।

प्रधानमंत्री जन धन योजना ने जनधन, आधार और मोबाइल (जेएएम) त्रिमूर्ति में एक महत्वपूर्ण स्तंभ का काम किया है, जिससे बिचौलियों का सफाया हुआ है। जनधन खातों के माध्यम से अब 321 सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे लाभार्थियों तक पहुंच रहा है। 2013-14 में यह संख्या केवल 28 थी।

डीबीटी के तहत हस्तांतरित राशि 7,400 करोड़ से बढ़कर 25 लाख करोड़ रुपए हो गई है, जिससे सरकार को 4.31 लाख करोड़ की बचत हुई है और पिछले नौ वर्षों में लगभग 25 करोड़ लोगों को बहुआयामी गरीबी से मुक्ति मिली है। पीएमजेडीवाई ने गरीबों को सूदखोर साहूकारों से मुक्ति दिलाई है, जिससे लोग औपचारिक वित्तीय प्रणाली से जुड़कर अपनी आय बढ़ा सकते हैं।

प्रधानमंत्री जन धन योजना ने महिलाओं के सशक्तिकरण का एक प्रभावशाली माध्यम बनकर उभरी है। पीएमजेडीवाई ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का अवसर दिया है। कुल जन धन खातों में से 30.37 करोड़ (55.7 प्रतिशत) खाते महिलाओं के हैं।

नवंबर 2023 तक, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत स्वीकृत 44.46 करोड़ ऋणों में से 69 प्रतिशत ऋण महिलाओं को दिए गए हैं। पीएमजेडीवाई ने 38 करोड़ से ज्यादा निःशुल्क रुपे कार्ड जारी किए हैं। भारत आज कुल भुगतान मात्रा में 48.5 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ रीयल-टाइम भुगतान में एक वैश्विक अग्रणी है।

प्रधानमंत्री जन धन योजना को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है। विश्व बैंक की ग्लोबल फाइंडेक्स 2025 रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 89 प्रतिशत वयस्कों के पास बैंक खाता है।

जागरूकता अभियान चलाकर और बैंक शाखाओं के नेटवर्क का विस्तार कर, ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं को आसान बनाने की आवश्यकता है। डिजिटल और वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम शुरू किए जाने चाहिए, ताकि लाभार्थियों को जन धन योजना का लाभ उठाने में सक्षम बनाया जा सके।

प्रधानमंत्री जन धन योजना ने करोड़ों व्यक्तियों, विशेषकर वंचित वर्ग को सशक्त बनाकर, 2047 तक विकसित भारत के लिए समावेशी आर्थिक विकास की मजबूत नींव रखी है। अब समय है कि हर नागरिक भारत की आर्थिक प्रगति में सक्रिय भागीदारी निभाए।

Point of View

जिससे वित्तीय समावेशन संभव हुआ है। यह योजना न केवल गरीबों को सशक्त बनाती है, बल्कि समाज के सभी वर्गों को आर्थिक विकास की मुख्यधारा में लाने का प्रयास करती है।
NationPress
02/08/2025

Frequently Asked Questions

प्रधानमंत्री जन धन योजना का उद्देश्य क्या है?
इस योजना का उद्देश्य गरीबों और वंचित वर्ग के लोगों को वित्तीय सेवाओं तक पहुंच प्रदान करना है।
कितने बैंक खाते खोले गए हैं?
प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत अब तक 55.90 करोड़ से अधिक बैंक खाते खोले गए हैं।
क्या पीएमजेडीवाई ने महिलाओं को सशक्त बनाया है?
हाँ, इस योजना ने महिलाओं को वित्तीय समावेशन में शामिल कर आत्मनिर्भर बनने का अवसर दिया है।
सभी सरकारी योजनाओं का लाभ कैसे मिलता है?
जनधन खातों के माध्यम से 321 सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे लाभार्थियों तक पहुँचता है।
इस योजना से सरकार को कितनी बचत हुई है?
इस योजना के तहत सरकार को 4.31 लाख करोड़ की बचत हुई है।