क्या दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने असिता के हरे-भरे लॉन को सामाजिक-सांस्कृतिक आयोजनों के लिए खोला?
सारांश
Key Takeaways
- असिता पार्क दिल्लीवासियों के लिए एक नया सांस्कृतिक स्थल है।
- बुकिंग के लिए किराया 40,000 रुपये से 3.30 लाख रुपये तक है।
- सभी बुकिंग पर्यावरणीय सुरक्षा उपायों के अधीन हैं।
- असिता पार्क 197 हेक्टेयर में फैला है।
- यमुना नदी के पारिस्थितिकी को सुदृढ़ करने में मदद करेगा।
नई दिल्ली, 18 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। डीडीए ने यमुना नदी के साथ दिल्लीवासियों को जोड़ने की दिशा में एक नई पहलकदमी की है। आईटीओ के पास स्थित असिता पार्क के हरे-भरे लॉन अब विभिन्न सामाजिक-सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन के लिए बुकिंग हेतु उपलब्ध हैं। यह कदम उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना के मार्गदर्शन में उठाया गया है, जिन्होंने बांसेरा और असिता जैसी नदी-तट परियोजनाओं के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
असिता पार्क लगभग 197 हेक्टेयर में फैला हुआ है और यमुना नदी तथा उसके फ्लड प्लेन्स की पारिस्थितिकी को मजबूत करने का एक प्रमुख प्रोजेक्ट है। पहले इस क्षेत्र में अतिक्रमण और प्रदूषण की समस्या थी, लेकिन अब इसे एक महत्वपूर्ण हरी जगह के रूप में विकसित किया गया है, जहां ग्रीनवे, इकोलॉजिकल जोन और नदी किनारे ग्रीन बफर जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं।
लॉन की बुकिंग के लिए किराया क्षेत्रफल के अनुसार 40,000 रुपये से लेकर 3.30 लाख रुपये तक निर्धारित किया गया है। सार्वजनिक उपयोग के लिए उपलब्ध लॉन में वाटर बॉडी लॉन (50,000 रुपये), कैना लॉन (1.40 लाख रुपये), मेन कॉन्ग्रिगेशन लॉन (2.90 लाख रुपये), बुद्ध लॉन (1.10 लाख रुपये), सूर्या लॉन (40,000 रुपये), कैफे लॉन (1.00 लाख रुपये) और सर्कुलर लॉन (3.30 लाख रुपये) शामिल हैं। एक या अधिक लॉन को एक साथ बुक किया जा सकता है, हालांकि एक से अधिक क्षेत्रों की बुकिंग पर अधिक दरें लागू होंगी।
पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए सभी बुकिंग सख्त पर्यावरणीय सुरक्षा उपायों और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के दिशानिर्देशों के अधीन होंगी। पर्यावरण के अनुकूल अस्थायी टेंट संरचनाओं को लगाने और हटाने के लिए अधिकतम तीन दिन की अनुमति होगी, जबकि सर्कुलर लॉन अधिकतम पांच दिनों के लिए उपलब्ध रहेगा। सफाई शुल्क 2.75 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से लिया जाएगा और किराए में 40 वाहनों के लिए पार्किंग सुविधा भी शामिल होगी।
डीडीए का कहना है कि इन आयोजनों का उद्देश्य यमुना के पारिस्थितिक स्वरूप को बिना बाधित किए जनता के लिए नदी के अनुभव को बेहतर बनाना है, ताकि दिल्ली को और अधिक हरी और जीवंत सार्वजनिक स्थल मिल सकें।