क्या अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी ने वन्यजीव प्रेमियों को बधाई दी?
सारांश
Key Takeaways
- भारत ने चीतों के संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
- प्रोजेक्ट चीता ने चीतों की संख्या को बढ़ाने में मदद की है।
- चीता टूरिज्म भारत में बढ़ रहा है।
- प्रधानमंत्री मोदी ने वन्यजीव प्रेमियों को शुभकामनाएं दी हैं।
- भारत में चीतों की एक बड़ी संख्या भारतीय धरती पर जन्मी है।
नई दिल्ली, 4 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस' के अवसर पर कहा कि तीन साल पहले शुरू किया गया 'प्रोजेक्ट चीता' इस अद्भुत प्रजाति की सुरक्षा और उसके पारिस्थितिकी तंत्र को पुनर्जीवित करने के लिए था, जिसमें चीता वास्तव में विकसित हो सके। पीएम ने गर्व से कहा कि आज भारत कई चीतों का घर है, और इनमें से कई भारतीय धरती पर ही जन्मे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को 'अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस' पर देश-विदेश के सभी वन्यजीव प्रेमियों और संरक्षणकर्ताओं को दिल से शुभकामनाएं दीं।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस के अवसर पर, मैं सभी वन्यजीव प्रेमियों और उन संरक्षणकर्ताओं को दिल से बधाई देता हूं, जो इस ग्रह के अद्भुत जीवों में से एक, चीता की सुरक्षा के लिए समर्पित हैं। तीन साल पहले हमारी सरकार ने इस शानदार प्राणी की सुरक्षा और उसके इकोसिस्टम को पुनर्जन्म देने के लिए 'प्रोजेक्ट चीता' शुरू किया था, जिसमें वह सचमुच फल-फूल सके। यह हमारी खोई हुई पर्यावरणीय विरासत को पुनर्जीवित करने और हमारी जैव विविधता को मजबूत करने की दिशा में एक प्रयास था।"
उन्होंने आगे लिखा, "भारत को गर्व है कि वह कई चीतों का घर है और इनमें से बड़ी संख्या में चीते भारतीय धरती पर पैदा हुए हैं। इनमें से कई अब कूनो नेशनल पार्क और गांधी सागर सेंचुरी में फल-फूल रहे हैं।" अपनी खुशी व्यक्त करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि 'चीता टूरिज्म' भी लोकप्रिय हो रहा है।
इस अवसर पर पीएम मोदी ने दुनिया भर के अधिक से अधिक वन्यजीव प्रेमियों को भारत आने और चीता की पूरी भव्यता को देखने के लिए आमंत्रित किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने 'एक्स' पर लिखा, "चीता संरक्षण में हमारी प्रगति हमारे लोगों, खासकर हमारे समर्पित चीता मित्रों के सामूहिक सहयोग से ही संभव हो पाई है। वन्यजीवों की सुरक्षा करना और प्रकृति के साथ ताल-मेल बिठाकर रहना भारत की सभ्यता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और हम आज इन प्रयासों में वही भावना देखते हैं।"