क्या देश का भाग्य बदलने का समय आ गया है, आपका सहयोग क्यों चाहिए?

सारांश
Key Takeaways
- आत्मनिर्भरता का अर्थ केवल आर्थिक दृष्टिकोण नहीं है।
- युवाओं की भागीदारी अत्यंत आवश्यक है।
- सोशल प्लेटफॉर्म पर भारतीयों की भूमिका महत्वपूर्ण है।
- गगनयान जैसे प्रोजेक्ट्स से भारत की स्पेस में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी।
- भारत का विकास, 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के संकल्प से जुड़ेगा।
नई दिल्ली, 15 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से हर क्षेत्र में 'आत्मनिर्भर भारत' का आह्वान किया है। देशवासियों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भरता का संबंध केवल आयात और निर्यात या रुपये-पैसे से नहीं है। आत्मनिर्भरता हमारे सामर्थ्य से जुड़ी हुई है, और जब आत्मनिर्भरता का स्तर घटने लगता है, तो सामर्थ्य भी धीरे-धीरे कमजोर होता है। इसलिए, हमारे सामर्थ्य को सहेजने, बनाए रखने और बढ़ाने के लिए आत्मनिर्भर होना अत्यंत आवश्यक है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि लाल किले की प्राचीर से देश के युवा वैज्ञानिकों, प्रतिभाशाली युवाओं, इंजीनियरों और सरकारी विभागों से अपील की कि हमारा 'मेड इन इंडिया' फाइटर जेट्स के लिए जेट इंजन भी भारत का होना चाहिए। उन्होंने कहा, 'देश का भाग्य बदलना है, आपका सहयोग चाहिए।'
उन्होंने आगे कहा, "आज आईटी का युग है, डेटा की शक्ति है। क्या यह समय की आवश्यकता नहीं है कि ऑपरेटिंग सिस्टम से लेकर साइबर सुरक्षा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तक सभी चीजें भारतीय हों? इनमें हमारे ही लोगों का सामर्थ्य होना चाहिए।" पीएम मोदी ने यह भी कहा कि भारत ने दिखाया है कि यूपीआई का प्लेटफॉर्म दुनिया को हैरान कर रहा है। भारत अकेले रीयल टाइम ट्रांजेक्शन में 50 प्रतिशत का योगदान दे रहा है। इसका अर्थ है कि भारत के पास शक्ति है।
प्रधानमंत्री ने कहा, "मैं देश के युवाओं को चुनौती देता हूं कि भारत के अपने सोशल मीडिया या अन्य प्लेटफॉर्म बनाने के लिए आगे आएं।" इस दौरान, उन्होंने भारतीयों के सामर्थ्य पर विश्वास भी जताया।
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि हम स्पेस में आत्मनिर्भरता के रूप में गगनयान की तैयारी कर रहे हैं। अपने बलबूते पर हम एक स्पेस स्टेशन बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। गर्व होता है कि देश के 300 से अधिक स्टार्टअप्स स्पेस सेक्टर में सक्रिय हैं। हजारों युवा पूरे सामर्थ्य के साथ जुटे हैं।
अपने भाषण में पीएम मोदी ने कहा, "140 करोड़ भारतवासी 2047 में जब आजादी के 100 साल पूरे करेंगे, तब तक विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए पूरी ताकत से जुटे हैं। इस संकल्प की पूर्ति के लिए भारत आज हर क्षेत्र में एक आधुनिक इकोसिस्टम तैयार कर रहा है। आधुनिक इकोसिस्टम हमारे देश को हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगा।"