क्या प्रशांत किशोर बिहार की राजनीति में बीता हुआ कल हैं?: जदयू नेता राजीव रंजन
सारांश
Key Takeaways
- प्रशांत किशोर को बिहार की राजनीति में 'बीता हुआ कल' करार दिया गया है।
- राजीव रंजन का कहना है कि जनता ने उन्हें नकार दिया है।
- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जादू आज भी बरकरार है।
- दिल्ली में हालिया ब्लास्ट पर एनआईए ने समय रहते कार्यवाही की।
- राजनीति में व्यक्तिगत जीवन का कोई स्थान नहीं होता।
पटना, 18 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के वरिष्ठ नेता राजीव रंजन ने जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर को बिहार की राजनीति में बीता हुआ कल करार दिया है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार का माहौल उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ तैयार किया था, जनता ने उन्हें वैसा ही जवाब दिया है।
बिहार चुनाव में जन सुराज को मिली करारी हार के बाद जदयू नेता राजीव रंजन ने प्रशांत किशोर पर जुबानी हमला किया। उन्होंने कहा कि समय रहते अपनी नाकामियों को पहचान लेना अच्छी बात होती है। प्रशांत किशोर ने केवल नीतीश कुमार की आलोचना की और इस चुनावी परिणाम को तय कर दिया।
राजीव रंजन ने कहा कि जनता को उनसे न पहले कभी ज्यादा उम्मीदें थीं, न अब हैं। प्रशांत किशोर ने कहा था कि अगर जदयू को 25 से ज्यादा सीटें मिलीं तो राजनीति छोड़ देंगे, ऐसे में अब वह बिहार की राजनीति के लिए बीता हुआ कल बन चुके हैं। जदयू नेता ने कहा कि चाहे प्रायश्चित करें या न करें, बिहार की जनता ने उनके पूरे अभियान को नकार दिया है। यह चुनाव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपलब्धियों के इर्द-गिर्द था। विपक्ष तो दूर की बात, दूर-दूर तक कोई मुकाबला करने वाला नहीं था। चुनाव नतीजों ने साबित कर दिया कि नीतीश का जादू आज भी बरकरार है।
सेना प्रमुख के बयान पर कहा कि सेना प्रमुख ने बिल्कुल साफ कहा है। भारत सरकार, केंद्रीय गृह मंत्रालय, भारतीय सेना, खुफिया एजेंसियां और राज्यों की पुलिस बेहतर समन्वय के साथ आतंकवाद के सभी पोषकों का खात्मा करने के लिए कटिबद्ध हैं। यह नए भारत का संकल्प है।
तेजप्रताप यादव के बयान पर राजीव रंजन ने कहा कि परिवारवादी पार्टियों में ऐसे कलह चलती रहती है। हमारी पार्टी ऐसे मुद्दों को नहीं उठाती। हालांकि जब आप राजनीति में होते हैं तो आपका कोई निजी जीवन नहीं होता।
उन्होंने कहा कि जनता की भावनाओं को आहत नहीं करना चाहिए। तेजस्वी यादव को सोचना चाहिए। अपने सलाहकारों की भूमिका पर भी गंभीरता से विचार करना चाहिए।
दिल्ली में हालिया ब्लास्ट पर उन्होंने कहा कि कई जगहों पर गिरफ्तारियां हो रही हैं। हमास की तर्ज पर कुछ खतरनाक साजिश रची जा रही थी, लेकिन समय रहते एनआईए ने बेहतर समन्वय से उन मंसूबों को नेस्तनाबूद कर दिया। उन्होंने कहा कि माओवाद के खात्मे के बाद अब आतंकवाद की जड़ों को ध्वस्त किया जाएगा।