क्या प्रशांत किशोर ने एनडीए पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया?

सारांश
Key Takeaways
- भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ कार्रवाई का वादा
- नीतीश कुमार की आलोचना
- युवाओं की आवाज को दबाने का आरोप
- स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल
- नए नेतृत्व की आवश्यकता
दरभंगा, 20 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। जनसुराज के संयोजक प्रशांत किशोर ने शनिवार को दरभंगा में आयोजित एक जनसभा में एनडीए के नेताओं पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि हाल ही में किए गए खुलासों पर अभी तक कोई ठोस जवाब नहीं आया है। किशोर ने यह भी कहा कि यदि जन सुराज की सरकार बनती है, तो सभी भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी और जनता का हर एक पैसा वसूला जाएगा।
किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए कहा, "सुरक्षा के घेरे में बैठकर नीतीश और उनके मंत्री छात्रों पर लाठी चलवा रहे हैं। जब ये वोट मांगने जाएंगे, तब जनता इनका हिसाब करेगी।"
उन्होंने हाल के बीपीएससी प्रदर्शनों का उल्लेख करते हुए आरोप लगाया कि सरकार युवाओं की आवाज दबाने में लगी हुई है। नीतीश कुमार को 'शारीरिक रूप से थका हुआ और मानसिक रूप से अयोग्य' बताते हुए उन्होंने कहा कि बिहार को अब नए नेतृत्व की आवश्यकता है। किशोर ने याद दिलाया कि 2015 में उन्होंने नीतीश कुमार को सत्ता दिलाई थी, लेकिन अब वे 'सुधारवादी से सत्ता लिप्सु' बन चुके हैं।
किशोर ने ग्रामीण विकास मंत्री जीवेश मिश्रा पर निशाना साधते हुए कहा, "कोर्ट ने उन्हें जाली दवा कारोबारी बताया है। जनता दो महीने बाद कार्रवाई कर इन्हें बेरोजगार बना देगी।" उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसे नेताओं ने बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था को चूस लिया है, जबकि जनता दवाओं के लिए तरस रही है।
किशोर ने अपने हालिया खुलासों में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, जेडीयू नेता अशोक चौधरी और भाजपा सांसद संजय जायसवाल पर वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि सम्राट चौधरी ने दस्तावेजों में छेड़छाड़ की, मंगल पांडेय ने 35 लाख रुपए का अनिर्दिष्ट ऋण लिया, अशोक चौधरी ने बेनामी जमीन खरीदी और जायसवाल ने मेडिकल कॉलेज में हितों का टकराव किया।
किशोर ने कहा, "ये नेता भ्रष्टाचार में लालू प्रसाद से भी आगे हैं, लेकिन नैतिकता का ढोंग करते हैं।"