क्या मराठी बनाम हिंदी विवाद में प्रताप सरनाईक का बयान महत्वपूर्ण है?

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क्या मराठी बनाम हिंदी विवाद में प्रताप सरनाईक का बयान महत्वपूर्ण है?

सारांश

महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने मराठी और हिंदी विवाद पर महत्वपूर्ण विचार साझा किए हैं। उन्होंने व्यापारियों के खिलाफ जबरन वसूली और हिंसा के खिलाफ अपनी स्थिति स्पष्ट की है। जानें उनके विचार और राजनीतिक परिप्रेक्ष्य।

Key Takeaways

  • प्रताप सरनाईक का बयान दोनों भाषाओं के सम्मान पर जोर देता है।
  • उन्होंने व्यापारियों के खिलाफ जबरन वसूली और हिंसा की निंदा की।
  • सभी समुदायों के व्यापारियों को एकजुटता का संदेश दिया।

मुंबई, 4 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री और वरिष्ठ शिवसेना नेता प्रताप सरनाईक ने मराठी बनाम हिंदी विवाद पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि वह दोनों भाषाओं का सम्मान करते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि व्यापारियों के खिलाफ किसी भी प्रकार की जबरन वसूली या हिंसा को सहन नहीं किया जाएगा।

मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि वह सभी जाति-धर्म के व्यापारियों के समर्थन में हैं और मराठी अस्मिता के नाम पर हिंदी भाषी व्यापारियों को निशाना बनाना गलत है। उन्होंने कहा, "मैं स्वयं मराठी हूं और अपनी भाषा पर गर्व महसूस करता हूं, लेकिन मैं हिंदी भाषी व्यापारियों के खिलाफ किसी भी तरह की हिंसा या जबरन वसूली को स्वीकार नहीं करता।" उन्होंने मीरा-भायंदर और ठाणे में सभी समुदायों के व्यापारियों के साथ मिलकर कार्य करने की बात की और कहा कि उनके विधायक बनने में सभी समुदायों का योगदान रहा है, न कि केवल मराठी लोगों का।

उन्होंने उल्लेख किया कि वह चार बार ओवला-माजीवाड़ा से विधायक चुने गए हैं, जिसमें इस बार 1.08 लाख वोटों के अंतर से जीत हासिल की। उनकी जीत में हिंदी भाषी मतदाताओं का भी महत्वपूर्ण योगदान था।

प्रताप सरनाईक ने कहा कि मराठी और हिंदी भाषी समुदायों के बीच तनाव को राजनीति से प्रेरित बताया। उन्होंने कहा, "जब हिंदू मुद्दों की बात आती है, तो हम सभी एकजुट होकर अपनी श्रद्धा दिखाते हैं। लेकिन, जब वोटों की राजनीति शुरू होती है, तो कुछ लोग मराठी अस्मिता का मुद्दा उठाकर हिंदी भाषी व्यापारियों को निशाना बनाते हैं। यह गलत है।" उन्होंने ऐसे राजनीतिक प्रवृत्तियों के खिलाफ अपनी आवाज उठाई जो मराठी और हिंदी भाषी समुदायों के बीच विभाजन पैदा करती हैं।

मंत्री ने कहा कि स्थानीय निकाय चुनावों के लिए इस तरह के मुद्दों को भड़काना ठीक नहीं है। महायुति गठबंधन मजबूत है और इस तरह के विवादों से उस पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

उन्होंने शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे का जिक्र करते हुए कहा कि जब भी मराठी लोग संकट में थे, तब शिवसेना और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उनका साथ दिया। कुछ लोग मराठी अस्मिता के नाम पर राजनीति करते हैं, लेकिन यह केवल अस्थायी है और जनता इसका जवाब देगी।

उन्होंने व्यापारियों के हितों की रक्षा का वादा करते हुए कहा, "मैं 20 साल से विधायक हूं और मेरा कर्तव्य है कि मैं अपने क्षेत्र के व्यापारियों का समर्थन करूं। जबरन वसूली या हिंसा के जरिए राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।"

प्रताप सरनाईक ने यह भी स्पष्ट किया कि वह किसी भी सभा या मंच का हिस्सा बनने से पहले यह सुनिश्चित करेंगे कि वह मराठी और हिंदी भाषी समुदायों के बीच एकता को बढ़ावा दें।

Point of View

प्रताप सरनाईक का बयान मराठी और हिंदी भाषियों के बीच एकता की आवश्यकता पर जोर देता है। यह राजनीति से प्रेरित विवादों को खत्म करने का एक प्रयास है।
NationPress
20/07/2025

Frequently Asked Questions

प्रताप सरनाईक ने किस विवाद पर अपने विचार साझा किए?
उन्होंने मराठी बनाम हिंदी विवाद पर अपने विचार व्यक्त किए।
सरनाईक ने व्यापारियों के खिलाफ किस प्रकार की कार्रवाई का वादा किया?
उन्होंने जबरन वसूली और हिंसा के खिलाफ सख्त कार्रवाई का वादा किया।