क्या प्रयागराज में 3 जनवरी से माघ मेला शुरू होगा? 2800 बसें और 5200 पुलिसकर्मी रहेंगे तैनात?

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क्या प्रयागराज में 3 जनवरी से माघ मेला शुरू होगा? 2800 बसें और 5200 पुलिसकर्मी रहेंगे तैनात?

सारांश

प्रयागराज में माघ मेले की तैयारियां जोरों पर हैं। 3 जनवरी से शुरू होने वाले इस मेले में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 2800 बसें और सुरक्षा के लिए 5200 पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे। जानें इस वर्ष के माघ मेले के विशेष पहलुओं के बारे में।

Key Takeaways

  • माघ मेले की शुरुआत 3 जनवरी को हो रही है।
  • इस बार 2800 बसें श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए चलेंगी।
  • 5200 पुलिसकर्मी सुरक्षा व्यवस्था के लिए तैनात रहेंगे।
  • माघ महीने का पवित्र स्नान का विशेष महत्व है।
  • दो अस्थायी बस अड्डे स्थापित किए जाएंगे।

प्रयागराज, 13 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रयागराज में माघ मेले के आयोजन की तैयारियों में प्रयागराज पुलिस व प्रशासन ने पहले से ही कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। इस मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 2800 बसें चलाने का निर्णय लिया गया है।

हिंदू धर्म में माघ महीने का विशेष महत्व है। कहा जाता है कि इस माह में पवित्र नदियों में स्नान करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

उत्तर प्रदेश रोडवेज के क्षेत्रीय प्रबंधक रवींद्र कुमार सिंह ने माघ मेले की तैयारियों के बारे में राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए बताया कि "माघ मेला 3 जनवरी से प्रारंभ होगा और हमने इसकी तैयारियों को लेकर कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। इस बार श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए दो अस्थायी बस अड्डे स्थापित किए जाएंगे, एक गंगा पार झूंसी में और दूसरा यमुना पार लेप्रोसी चौराहे पर। इस वर्ष बसों की संख्या 2800 रखी गई है, क्योंकि इस बार मेले में भीड़ बढ़ने की संभावना है। प्रशासन पहले से ही सतर्क है। यदि भीड़ अत्यधिक हो जाती है, तो नेहरू पार्क पर भी एक बस अड्डा बनाया जाएगा। माघ मेले की तैयारियों के लिए पुलिस प्रशासन भी अलर्ट मोड में है।

भीड़ और सुरक्षा के दृष्टिगत मेले में 17 अस्थायी थाने और 40 पुलिस चौकियों का गठन किया जाएगा, और श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए लगभग 5200 पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे। पुलिस चौकियों के अतिरिक्त, किसी भी अनहोनी से बचने के लिए महिला हेल्प डेस्क, अग्निशामक विभाग और एनडीआरएफ को भी सतर्क रखा जाएगा।

3 जनवरी को पौष पूर्णिमा के साथ माघ मेले का अमृत स्नान प्रारंभ होगा, जो 44 दिनों तक चलेगा। इसे छोटा महाकुंभ भी कहा जाता है। यह विश्वास किया जाता है कि पौष पूर्णिमा और माघ मेले में स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है और हरि चरणों में स्थान प्राप्त होता है। माघ महीना भगवान विष्णु का प्रिय महीना माना जाता है। इस दौरान दान-पुण्य और जप का विशेष महत्व है।

भारत के कुछ राज्यों में पौष पूर्णिमा को शाकंभरी पूर्णिमा भी कहा जाता है, और इस दिन मां शाकंभरी की भगवान विष्णु के साथ विशेष पूजा की जाती है। इस दिन पीले वस्त्र और मिठाई का दान देना अत्यंत शुभ माना जाता है।

Point of View

बल्कि यह सामाजिक एकता और सांस्कृतिक समृद्धि को भी बढ़ावा देता है। प्रशासन की तैयारियां और सुरक्षा व्यवस्था इस मेले को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
NationPress
13/11/2025

Frequently Asked Questions

माघ मेला कब शुरू होगा?
माघ मेला 3 जनवरी से शुरू होगा।
माघ मेले में कितनी बसें चलेंगी?
माघ मेले में 2800 बसें चलेंगी।
मेले में सुरक्षा के लिए कितने पुलिसकर्मी तैनात होंगे?
मेले में लगभग 5200 पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे।
माघ महीने का धार्मिक महत्व क्या है?
माघ महीने में पवित्र नदियों में स्नान करने से पापों का नाश और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
पौष पूर्णिमा का क्या महत्व है?
पौष पूर्णिमा को शाकंभरी पूर्णिमा भी कहा जाता है और इस दिन विशेष पूजा की जाती है।