क्या पृथ्वीराज चव्हाण के बयान ने राजनीतिक घमासान को जन्म दिया? प्रमोद तिवारी का इंदिरा गांधी पर बयान

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क्या पृथ्वीराज चव्हाण के बयान ने राजनीतिक घमासान को जन्म दिया? प्रमोद तिवारी का इंदिरा गांधी पर बयान

सारांश

पृथ्वीराज चव्हाण के विवादास्पद बयान ने राजनीतिक माहौल को गर्म कर दिया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने इंदिरा गांधी के नेतृत्व की प्रशंसा की और सेना की क्षमता की चर्चा की। जानें इस मुद्दे पर क्या है कांग्रेस सांसदों की राय।

Key Takeaways

  • पृथ्वीराज चव्हाण का बयान राजनीतिक बहस को नया मोड़ दे रहा है।
  • प्रमोद तिवारी ने इंदिरा गांधी के नेतृत्व की प्रशंसा की।
  • भारत की सशस्त्र सेनाएं हमेशा पेशेवर रही हैं।
  • सरकार पर विपक्ष के सवालों को दरकिनार करने का आरोप।
  • बांग्लादेश भेजने वाले मुद्दे पर पारदर्शिता की आवश्यकता।

नई दिल्ली, 17 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण के 'ऑपरेशन सिंदूर' संबंधी बयान पर चल रही राजनीतिक चर्चा के बीच कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि भारत की सशस्त्र सेनाएं हमेशा विजयी, अनुशासित और सक्षम रही हैं। हमारी सेनाएं हमेशा पेशेवर तरीके से कार्य करती हैं और उन्हें राजनीतिक दिशा प्राप्त होती है, जैसा कि इंदिरा गांधी के शासनकाल में हुआ था।

प्रमोद तिवारी ने इंदिरा गांधी के नेतृत्व का उल्लेख करते हुए कहा कि उनकी राजनीतिक अगुवाई में दुनिया का भू-राजनीतिक नक्शा बदला गया। इंदिरा गांधी के नेतृत्व में केवल 14 दिनों में बांग्लादेश का निर्माण हुआ, जो भारत की सैन्य क्षमता और राजनीतिक इच्छाशक्ति का एक अद्वितीय उदाहरण है।

इसके अलावा, कांग्रेस सांसद उज्ज्वल रमण सिंह ने केंद्र सरकार पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान विपक्ष के नेता और अन्य विपक्षी सदस्यों के उठाए गए सवालों का न तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर दिया और न ही भाजपा के अन्य नेताओं ने।

उज्ज्वल रमण सिंह ने यह भी कहा कि यह स्पष्ट है कि सरकार ने विपक्ष के सवालों से बचने का रास्ता चुना है। कहीं न कहीं कुछ गड़बड़ अवश्य है, लेकिन सरकार को इसकी कोई चिंता नहीं दिखती। उन्होंने आरोप लगाया कि महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मुद्दों पर पारदर्शिता आवश्यक है, परंतु सरकार सवालों से मुंह मोड़ रही है।

एसआईआर के संदर्भ में, उज्ज्वल रमण सिंह ने कहा कि जनता को यह जानने का अधिकार है कि कितने लोगों को बांग्लादेश भेजा गया है। अधिकारी कुछ कहते हैं और करते कुछ और हैं। बिहार में एसआईआर लागू होने पर कितने बांग्लादेशी नागरिक पाए गए और वास्तव में कितने भेजे गए, इसकी जानकारी बिहार सरकार, चुनाव आयोग या केंद्र सरकार को सार्वजनिक करनी चाहिए।

उन्होंने यह भी कहा कि केवल बयानबाजी से काम नहीं चलेगा। जब उत्तर प्रदेश में एसआईआर लागू किया जाएगा, तो वहां की सरकार को यह बताना होगा कि कितने घुसपैठिए, रोहिंग्या या बांग्लादेशी पाए गए।

उज्ज्वल रमण सिंह ने आरोप लगाया कि सरकार गोपनीयता की आड़ में सच्चाई छुपाकर राजनीतिक आरोप लगा रही है। साथ ही, उन्होंने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल पर भी राजनीति में हस्तक्षेप करने और भाजपा के पक्ष में भूमिका निभाने का आरोप लगाया।

गौरतलब है कि पृथ्वीराज चव्हाण ने 'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर एक विवादास्पद बयान दिया। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन के पहले दिन ही भारत पूरी तरह से हार गया था। उन्होंने यह भी दावा किया कि इस दौरान सेना की एक किलोमीटर तक की मूवमेंट नहीं हुई और दो-तीन दिनों तक केवल हवाई और मिसाइल युद्ध ही हुआ। चौहान ने यह सवाल उठाया कि यदि भविष्य के युद्ध ऐसे ही लड़े जाएंगे, तो क्या 12 लाख सैनिकों की सेना रखने की आवश्यकता है, या फिर उन्हें किसी अन्य कार्य में लगाया जा सकता है।

Point of View

क्योंकि यह न केवल कांग्रेस पार्टी के भीतर विवाद को दर्शाता है, बल्कि यह भारतीय सशस्त्र बलों की क्षमता और उनके राजनीतिक निर्देशन पर भी सवाल उठाता है। ऐसे समय में जब विपक्ष सरकार से सवाल कर रहा है, यह मुद्दा राष्ट्रीय हितों से जुड़ा हुआ है।
NationPress
17/12/2025

Frequently Asked Questions

ऑपरेशन सिंदूर क्या है?
ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सशस्त्र बलों का एक सैन्य अभियान है, जिसे हाल की राजनीतिक बहस में संदर्भित किया गया है।
पृथ्वीराज चव्हाण का बयान किस संदर्भ में है?
पृथ्वीराज चव्हाण ने ऑपरेशन सिंदूर के बारे में एक विवादास्पद बयान दिया, जिसमें उन्होंने भारतीय सेना की स्थिति पर सवाल उठाए।
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