क्या महिला किरदारों में आए बदलाव पर प्रिया बापट का कहना है कि अब रोल में सिर्फ ग्लैमर नहीं, गहराई भी होती है?

सारांश
Key Takeaways
- महिला किरदारों में गहराई और शक्ति का बढ़ता स्थान।
- ओटीटी प्लेटफॉर्म्स ने कलाकारों को नई चुनौतियाँ दी हैं।
- प्रिया बापट का नया शो 'अंधेरा' महत्वपूर्ण है।
मुंबई, 17 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। एक समय ऐसा था जब फिल्मों में महिला किरदारों को सीमित दायरे में दिखाया जाता था, जैसे कि किसी की पत्नी, माँ या प्रेमिका के रूप में। मगर अब स्थिति में बदलाव आ चुका है। फिल्मों के साथ-साथ ओटीटी प्लेटफॉर्म्स भी महिला कलाकारों को शक्तिशाली भूमिकाओं में पेश कर रहे हैं, जिससे उन्हें अपने अभिनय का असली हुनर दिखाने का अवसर मिल रहा है। इसी परिवर्तन की एक बेहतरीन उदाहरण हैं अभिनेत्री प्रिया बापट, जो अपने नए शो 'अंधेरा' के जरिए फिर से चर्चा में हैं।
हिंदी और मराठी सिनेमा में पिछले 20 वर्षों से सक्रिय प्रिया ने कई यादगार किरदार निभाए हैं। उनका मानना है कि ओटीटी पर उन्हें वह स्वतंत्रता और चुनौती मिली है, जिसकी हर कलाकार को हमेशा तलाश रहती है। महिला किरदारों में आए बदलाव पर उन्होंने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि अब पर्दे पर केवल ग्लैमर नहीं होता, बल्कि महिला किरदारों में गहराई भी होती है।
राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए प्रिया ने कहा, ''ओटीटी एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां आपको किरदार की गहराई को समझने और निभाने का पूरा मौका मिलता है।''
वेब सीरीज 'सिटी ऑफ ड्रीम्स' से लेकर अब 'अंधेरा' तक, उनका सफर निरंतर ऊँचाइयों की ओर बढ़ता दिख रहा है।
गौरतलब है कि 'अंधेरा' एक साइकोलॉजिकल-हॉरर थ्रिलर है, जिसमें प्रिया एक पुलिस अधिकारी इंस्पेक्टर कल्पना कदम की भूमिका में नजर आ रही हैं। मुंबई की पृष्ठभूमि में बनी यह कहानी एक लापता शख्स के केस से शुरू होती है, जो धीरे-धीरे एक डरावने रहस्य में बदल जाती है।
इस सीरीज में प्रिया के साथ-साथ सुरवीन चावला और प्राजक्ता कोली भी महत्वपूर्ण भूमिकाओं में दिखाई दे रही हैं। शो का निर्देशन राघव दर ने किया है और इसका निर्माण एक्सेल एंटरटेनमेंट ने किया है। यह सीरीज प्राइम वीडियो पर स्ट्रीम हो रही है।
ओटीटी के बारे में प्रिया का कहना है, ''ओटीटी पर महिलाओं के लिए अच्छे और मजबूत किरदार लिखे जा रहे हैं। अब केवल ग्लैमर नहीं, बल्कि किरदारों में गहराई भी होती है। अब महिलाओं को केंद्र में रखकर कहानियाँ बनाई जा रही हैं। यह एक ऐसा मंच है, जहां कलाकारों को कुछ नया करने की स्वतंत्रता मिलती है और दर्शकों के सामने अलग-अलग कहानियों के विकल्प भी होते हैं।''