विपक्ष एकजुट था, फिर सीजफायर क्यों?

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विपक्ष एकजुट था, फिर सीजफायर क्यों?

सारांश

प्रियंका चतुर्वेदी ने किरेन रिजिजू के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी, जहां उन्होंने पूछा कि जब विपक्ष एकजुट था तो सरकार ने सीजफायर का निर्णय क्यों लिया। इस बयान के पीछे की राजनीतिक बारीकियों को समझने की कोशिश करते हैं।

Key Takeaways

  • प्रियंका चतुर्वेदी का कड़ा बयान
  • सीजफायर का निर्णय विवादास्पद
  • ओडिशा में ध्रुवीकरण की राजनीति
  • बिहार चुनाव में जनता की भूमिका
  • दवाइयों की गुणवत्ता पर चिंता

नई दिल्ली, 6 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू के उस बयान पर कड़ा जवाब दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि जब पाकिस्तान झूठ बोलता है, तो हमारी सेना उसका मुंहतोड़ जवाब देती है, लेकिन इससे पहले कांग्रेस और वामपंथी हमारी सेना को निशाना बनाते हैं। रिजिजू ने इसे शर्मनाक करार दिया था।

प्रियंका चतुर्वेदी ने पूछा कि जब पूरा विपक्ष एकजुट था, तो सरकार ने सीजफायर का निर्णय क्यों लिया?

राष्ट्र प्रेस से बातचीत में सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि किरेन रिजिजू देश के संसदीय कार्य मंत्री हैं। उनसे जिम्मेदारी और संयम के साथ बयान देने की अपेक्षा की जाती है। पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद सर्वदलीय बैठक में हमने बिना कोई सवाल उठाए कहा था कि केंद्र सरकार जो भी कार्रवाई करेगी, हम उसके साथ हैं। ऑपरेशन सिंदूर पहला कदम था, लेकिन अचानक युद्धविराम की घोषणा कर दी गई, वह भी हमारी ओर से नहीं, बल्कि अमेरिकी राष्ट्रपति के बयान के बाद।

उन्होंने सवाल उठाया कि हर नागरिक के मन में यह सवाल था कि जब स्थिति इतनी तनावपूर्ण थी और हमारी वायुसेना व थलसेना शानदार प्रदर्शन कर रही थी, तो युद्धविराम का निर्णय क्यों और कैसे लिया गया। इसके बावजूद, संसदीय प्रतिनिधिमंडल में सभी दल एकजुट हुए और ऑपरेशन सिंदूर के तहत सरकार का समर्थन किया।

इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व भी दो कांग्रेस नेताओं ने किया था। प्रियंका चतुर्वेदी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा अब भी सबक नहीं सीख रही है। देश की जनता में इस बात को लेकर नाराजगी है, लेकिन वे वही बयान दे रहे हैं जो उन्हें सुविधाजनक लगता है।

प्रियंका चतुर्वेदी ने ओडिशा में हुई झड़प को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि जब-जब भाजपा सत्ता में आती है, वह लोगों के बीच ध्रुवीकरण पैदा करती है। ओडिशा के इतिहास में पहले कभी ऐसी हिंसा की खबर नहीं सुनी गई।

जब तक नवीन पटनायक की सरकार थी, ध्रुवीकरण के कारण कोई हिंसा नहीं हुई। विश्व हिंदू परिषद का इस मामले में कूदना यह दिखाता है कि भाजपा अपनी राजनीति के लिए लोगों के बीच जहर घोलने का काम करती है। यह कटक में भी स्पष्ट दिख रहा है।

शिवसेना (यूबीटी) सांसद ने ओडिशा के लोगों से अपील की कि वे इस तरह की भावनात्मक राजनीति को समझें और इसका विरोध करें। कफ सिरप से बच्चों की मौत पर चतुर्वेदी ने गहरा रोष जताया। उन्होंने कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। दवाइयों की जांच के मानकों को दरकिनार किया जा रहा है। ऐसी दवाइयों से बच्चों की मौत देश के लिए कलंक है। हम विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गए हैं, लेकिन बुनियादी नियमों का पालन नहीं हो रहा। यह लापरवाही नहीं, हत्या है। दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान को लेकर उन्होंने कहा कि बिहार की जनता के पास यह सुनहरा मौका है। डबल इंजन की सरकार ने विकास और बिहार में बदलाव के बड़े-बड़े वादे किए, लेकिन किसानों और महिलाओं के लिए की गई घोषणाएं खोखली साबित हुईं। युवा आज यह सोच रहा है कि ऐसी सरकार को सत्ता में लाने की जरूरत है जो बिहार को विकास के पथ पर ले जाए। डबल इंजन की सरकार ने जनता की अपेक्षाओं पर पानी फेरा है।

बिहार में 32 लाख मतदाताओं के नाम हटाए जाने की कांग्रेस की शिकायत पर उन्होंने कहा कि जनता को सतर्क रहने की जरूरत है और अपने वोट के अधिकारों को समझना होगा।

Point of View

यह स्पष्ट है कि राजनीति में समय-समय पर दलों के बीच मतभेद होते हैं, लेकिन जब बात राष्ट्र की सुरक्षा की आती है, तो सभी दलों को एकजुटता दिखानी चाहिए। विपक्ष का एकजुट होना और फिर सीजफायर का निर्णय लेना एक महत्वपूर्ण संकेत है, जिसे समझना आवश्यक है।
NationPress
06/10/2025

Frequently Asked Questions

प्रियंका चतुर्वेदी ने किरेन रिजिजू के बयान पर क्या प्रतिक्रिया दी?
प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि जब विपक्ष एकजुट था, तो सरकार ने सीजफायर का निर्णय क्यों लिया?
ओडिशा में हुई झड़प के बारे में प्रियंका चतुर्वेदी का क्या कहना है?
प्रियंका चतुर्वेदी ने ओडिशा में हुई झड़प को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि भाजपा सत्ता में आने पर ध्रुवीकरण पैदा करती है।
बिहार विधानसभा चुनाव के संबंध में प्रियंका चतुर्वेदी का क्या बयान था?
उन्होंने कहा कि बिहार की जनता के पास यह सुनहरा मौका है और डबल इंजन की सरकार ने उनके विकास के वादों को पूरा नहीं किया।