क्या 2 करोड़ 72 लाख रुपए के इनामी नक्सलियों ने किया सरेंडर: सीएम मोहन यादव?
सारांश
Key Takeaways
- नक्सलियों का सरेंडर एक बड़ी सफलता है।
- 2 करोड़ 72 लाख रुपए के इनाम पर नक्सलियों ने सरेंडर किया।
- मुख्य धारा में लौटने पर पुनर्वास की गारंटी।
- सरकार का लक्ष्य 2026 तक नक्सलवाद को समाप्त करना है।
- सुरक्षा बलों की संयुक्त कार्रवाई का परिणाम।
भोपाल, 7 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने नक्सलियों के विरुद्ध चल रहे अभियान के संदर्भ में कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में जो मुहिम चल रही है, उसी दिशा में मध्य प्रदेश सरकार भी आगे बढ़ रही है।
भोपाल में मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश के तीन जिले, डिंडोरी, मंडला और बालाघाट, नक्सली प्रभावित माने जाते थे। पिछले साल हमारी पुलिस बल की मजबूती और पीएम मोदी तथा गृह मंत्री के नेतृत्व में डिंडोरी और मंडला को पहले ही नक्सली गतिविधियों से मुक्त किया जा चुका है।
उन्होंने कहा कि बालाघाट में भी नक्सलियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान चल रहा है। साल 2025 में ही 10 हार्डकोर नक्सलियों को मारने का रिकॉर्ड मध्य प्रदेश पुलिस ने बनाया है। जहां-जहां नक्सली गतिविधियां चल रही थीं, वहां संयुक्त अभियान चलाया गया।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बताया कि एक नवंबर को सुनीतासुरेंद्र, कबीर, राकेश सोढ़ी पर था। लाल सिंह मरावी, शिल्पा, सरिता, नवीन, जयशीला, विक्रम आदि को मिलाकर कुल 2 करोड़ 72 लाख रुपए का इनाम था।
सीएम ने बताया कि इन सभी नक्सलियों ने हथियारों के साथ सरेंडर कर दिया है। यह सुरक्षा बलों की संयुक्त कार्रवाई का परिणाम है। बालाघाट का बड़ा हिस्सा नक्सलियों से मुक्त हो चुका है। अगले साल हम पूरी तरह नक्सल मुक्त होने में सफलता हासिल करेंगे।
उन्होंने कहा कि यदि नक्सली मुख्य धारा में लौटते हैं तो हम उनके पुनर्वास की गारंटी लेते हैं। उनकी जिंदगी की सुरक्षा करेंगे और उनके हितों का ध्यान रखा जाएगा, लेकिन यदि वे मुख्यधारा में नहीं आते तो साल 2026 तक नक्सलियों को समाप्त करने का लक्ष्य है।