क्या बंगाल के स्टेडियम में तोड़फोड़ इंतजाम में कमी और अव्यवस्था के कारण हुई? : प्रियंका चतुर्वेदी
सारांश
Key Takeaways
- प्रियंका चतुर्वेदी का प्रशासन की विफलता पर जोर
- ममता बनर्जी ने माफी मांगी और कार्रवाई का वादा किया
- कांग्रेस पार्टी का चुनाव आयोग पर दबाव बनाने का प्रयास
नई दिल्ली, 14 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। अर्जेंटीना के प्रसिद्ध फुटबॉलर लियोनेल मेसी के भारत दौरे के दौरान सॉल्ट लेक स्टेडियम में हुई तोड़फोड़ की घटना पर शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि इस पूरे आयोजन में इंतजाम पूरी तरह से गड़बड़ और अव्यवस्थित थे, जिससे फैंस की निराशा स्पष्ट रूप से देखने को मिली।
उन्होंने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि मुख्यालय में जिस तरह से इवेंट को सफलतापूर्वक आयोजित किया गया, उससे यह स्पष्ट है कि स्टेडियम स्तर पर प्रबंधन में गंभीर खामियां थीं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस घटना के लिए माफी मांगी है और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भरोसा भी दिलाया है।
उन्होंने कहा कि यह एक अंतरराष्ट्रीय स्तर के बेहद लोकप्रिय खिलाड़ी का दौरा था, जिसका भारतीय फैंस लंबे समय से इंतजार कर रहे थे। लोगों में अत्यधिक उत्साह था और प्रशासन इसे संभालने में विफल रहा। उन्होंने विश्वास जताया कि ममता बनर्जी के नेतृत्व में दोषी अधिकारियों पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
वहीं, ‘वोट चोरी’ के खिलाफ कांग्रेस द्वारा दिल्ली में किए गए विरोध प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी लगातार इस मुद्दे को उठा रही है और विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कर्नाटक, हरियाणा और बिहार जैसे राज्यों के मामलों को लेकर कई बार प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी बात रखी है। राहुल गांधी ने एसआईआर को लेकर भी गंभीर चिंता जताई है, जिसके तहत बूथ लेवल अधिकारियों पर टारगेट का दबाव बनाया जा रहा है, बार-बार समयसीमा बढ़ाई जा रही है और वे अत्यधिक दबाव में काम कर रहे हैं। इसके बावजूद चुनाव आयोग इन मुद्दों पर गंभीरता से ध्यान नहीं दे रहा है और सरकार अपनी जिम्मेदारियों से बचने की कोशिश कर रही है। ऐसे में अगर कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे को लेकर और अधिक मजबूती से सड़कों पर उतरने का फैसला करती है, तो इसका स्वागत किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि एसआईआर का इस्तेमाल कर चुनाव आयोग ने मतदाता सूचियों में बड़े पैमाने पर नामों की काट-छांट की है। उन्होंने आरोप लगाया कि जहां-जहां विपक्ष मजबूत स्थिति में था, वहां उसे कमजोर करने की कोशिश की गई, जिससे भारतीय जनता पार्टी को सीधा फायदा हुआ है।
इसके अतिरिक्त, केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा योजना का नाम बदले जाने के सवाल पर शिवसेना (यूबीटी) सांसद ने तीखी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को ‘गांधी’ उपनाम से कुंठा है और महात्मा गांधी की छवि को कमजोर करने के प्रयास लगातार किए जाते रहे हैं। मनरेगा का नाम बदलने जैसे फैसलों से जनता का ध्यान असली मुद्दों से भटकाया जाएगा और प्रशासनिक प्रबंधन का बोझ बढ़ेगा, जो कि बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।